युवाल नोआ हरारी से गिरीश कुबेर की बातचीत
हिंदी में युवाल नोआ हरारी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. ‘सेपियन्स’, ‘होमो डेयस’ और ‘२१ वीं सदी के लिए ...
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हिंदी में युवाल नोआ हरारी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. ‘सेपियन्स’, ‘होमो डेयस’ और ‘२१ वीं सदी के लिए ...
बनावटी या कृत्रिम को हमेशा से दोयम दर्जे की जगह दी जाती रही है. मनुष्य इतिहास में पहली बार ऐसा ...
हमारे जीवन में तकनीक अब नियंता की भूमिका में है. वह हमारा भविष्य निर्धारित कर रही है. कृत्रिम मेधा और ...
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