सूरजमुखी अँधेरे के : योगेश प्रताप शेखर
यह आलेख कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरजमुखी अँधेरे के’ की चर्चा करते हुए उसके कुछ अज्ञात आयामों की ओर ...
Home » योगेश प्रताप शेखर
यह आलेख कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरजमुखी अँधेरे के’ की चर्चा करते हुए उसके कुछ अज्ञात आयामों की ओर ...
जिसे हम हिंदी साहित्य का आदिकाल कहते हैं और जिसमें बौद्ध, नाथ, जैन और लौकिक साहित्य की नदियाँ बहती हैं. ...
2022 की श्रेष्ठ पुस्तकें कौन-कौन सी हैं? इससे सार्थक मुझे यह लगा कि 2022 में किन किताबों को पढ़ा गया ...
भक्तिकाल के कवि सुन्दरदास पर केंद्रित ‘सुन्दर के स्वप्न’ अमेरिका के ‘टेक्सास यूनिवर्सिटी’ में हिंदी साहित्य के अध्येता दलपत सिंह ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum