प्रोतिमा बेदी : उसने लास्य चुना और चुना प्रेम:रंजना मिश्र
लेख ‘अमूर्तन का आलाप’ में रंजना मिश्र ने यह रेखांकित किया था कि प्रोतिमा बेदी के जीवन में पंडित जसराज ...
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लेख ‘अमूर्तन का आलाप’ में रंजना मिश्र ने यह रेखांकित किया था कि प्रोतिमा बेदी के जीवन में पंडित जसराज ...
हिंदी समाज में वैसे तो साहित्य को लेकर भी कोई ख़ास उत्साह नहीं रहा है, पर कलाओं को लेकर तो ...
इधर हिंदी में साहित्य के अलावा पेंटिंग, नाटक, शास्त्रीय-संगीत, नृत्य आदि की तरफ भी लेखकों और आलोचकों का ध्यान गया ...
पंडित जसराज (१९३०-२०२०) की यह यात्रा भारतीय शास्त्रीय गायन की भी यात्रा है, इस बीच वह भारत से निकल कर ...
फ़रीदा खानम ने जब फ़ैयाज़ हाशमी की 'आज जाने की ज़िद न करो' गाया तो किसी को क्या पता था ...
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