मैं असहमत: कविताएँ
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
कृष्ण कल्पित इतिवृत्त को अपनी कविताओं में समकालीन अर्थ देते रहें हैं. इधर उपन्यास की ओर मुड़े हैं. ‘जाली किताब’ ...
राष्ट्रपिता गांधी की हत्या भारतीय सभ्यता का ऐसा घाव है जो अभी भी खुला हुआ है और दुखता रहता है. ...
कविताएँ प्रतीकों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बदल भी देती हैं और उनके सामने प्रतिरोध में खड़ी भी हो जाती ...
हिंदी में असंगतता (Absurd) के साहित्य के प्रस्तोता भुवनेश्वर की अपनी ख़ुद की कहानी कम त्रासद नहीं है. विराट प्रतिभाएं ...
वैद्य को कविराज भी कहा जाता था. प्राचीन सभी विद्याएँ छंद की ...
“Poetry is a political act because it involves telling the truth.”June Jordanसमकालीन महत्वपूर्ण कवियों पर आधारित स्तम्भ ‘मैं और मेरी ...
(फोटो द्वारा - शायक आलोक)समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य बिना कृष्ण कल्पित के पूरा नहीं होगा. उनका पहला कविता संग्रह १९८० ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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