भारतीय दर्शन में काल चिंतन: प्रचण्ड प्रवीर
दर्शन गूढ़ है पर जटिलता तो आधुनिक युग की विशेषता ही है. अवधारणाओं को सहज करके समझने की भी सीमा ...
दर्शन गूढ़ है पर जटिलता तो आधुनिक युग की विशेषता ही है. अवधारणाओं को सहज करके समझने की भी सीमा ...
प्रचण्ड प्रवीर हिंदी के उन दुर्लभ कथाकारों में से एक हैं जो दर्शन में रूचि और गति रखते हैं. रस ...
पठन के चंचल और गतिशील माध्यमों के इस दौर में अगर कोई युवा लेखक कहता है कि उसने पूरी महाभारत ...
“प्रचण्ड प्रवीर हिंदी कहानी के इतिहास में सबसे बीहड़ प्रतिभा है. यही देखना है कि वह कहाँ पहुँचकर पूरा \'\'वयस्क\'\' होता है. ...
(Philadelphia Museum of Art: Maithuna)प्रचण्ड प्रवीर बीहड़ प्रतिभा के धनी कथाकार हैं. कथा को दर्शन में गूँथ कर दर्शन के ...
कहानियाँ झूठी होती हैं, पर सच से कम सच भी नहीं होतीं, यही इनकी ताकत है. हिंदी की युवा पीढ़ी ...
देवकीनन्दन खत्री द्वारा रचित उपन्यास ‘चन्द्रकान्ता सन्तति’ हिंदी में अब एक क्लैसिक की हैसियत रखता है. आलोचना ने जिसे शुरू ...
उपन्यास ‘अल्पाहारी गृहत्यागी: आई आई टी से पहले’, तथा कहानी संग्रह ‘जाना नहीं दिल से दूर’ से चर्चित अध्येता, लेखक, ...
प्रचण्ड प्रवीर जो भी लिखते हैं उसमें दर्शन की सुदृढ़ भावभूमि अवश्य होती है वैसे वह पेशे से केमिकल इंजीनियर ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum