पीयूष दईया और प्रभात रंजन का क़िस्साग्राम पर एकाग्र संवाद
‘कोठागोई’ के प्रकाशन के नौ वर्ष बाद ‘क़िस्साग्राम’ शीर्षक से कथाकार-संपादक प्रभात रंजन का दूसरा उपन्यास राजपाल प्रकाशन से अभी ...
‘कोठागोई’ के प्रकाशन के नौ वर्ष बाद ‘क़िस्साग्राम’ शीर्षक से कथाकार-संपादक प्रभात रंजन का दूसरा उपन्यास राजपाल प्रकाशन से अभी ...
अंतहीन पन्नों की कॉपी के किसी कोरे पन्ने पर यह जो आज तिथि अंकित की गयी है, उसे नव वर्ष ...
मशहूर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक और कुमार गन्धर्व के पुत्र मुकुल शिवपुत्र किंवदन्ती में बदल गए हैं. उनकी मयनोशी और अपारम्परिक ...
28 अगस्त को मशहूर चित्रकार अखिलेश अपने जीवन के साठ वर्ष पूरे करने जा रहे हैं. कोलकोता में १ दिसम्बर ...
नामचीन चित्रकार रामकुमार से कलाकर्मी पीयूष दईया का यह संवाद अद्भुत है. इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर भर जान लेने ...
वैसे तो उपन्यासों पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं, पर विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर फ़िल्म ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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