वीरेन्द्र नारायण: एक रंगकर्मी का सफर: विमल कुमार
स्वतंत्रता सेनानी और रंगकर्मी वीरेंद्र नारायण की जन्मशती का आरम्भ 16 नवम्बर से हो रहा है. इस अवसर पर देशभर ...
स्वतंत्रता सेनानी और रंगकर्मी वीरेंद्र नारायण की जन्मशती का आरम्भ 16 नवम्बर से हो रहा है. इस अवसर पर देशभर ...
पद्म भूषण आचार्य शिवपूजन सहाय (9 अगस्त, 1893-21 जनवरी, 1963) की आज 130वीं जयंती है. हिंदी, साहित्य और नवजागरण के ...
साहित्य और संस्कृति में परम्परा और उत्तराधिकार के सवाल अक्सर सरलीकरण के आखेट हो जाते हैं. भाषा और साहित्य की ...
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी (7 जुलाई 1883 - 12 सितम्बर 1922) का आज स्मरण दिवस है. हिंदी साहित्य को आधुनिक और ...
बीसवीं शताब्दी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हॉब्सबॉम ने अतियों का युग (The Age of Extremes) कहा है. 21वीं शताब्दी में ...
"कवि जीवन भर प्रेम की खोज में लगा रहता है, यह एक तरह से जीवन की तलाश है. प्रेम केवल ...
मानदा देवी द्वारा लिखित और १९२९ में बांग्ला भाषा में प्रकाशित ‘एक विदुषी पतिता की आत्मकथा’ संभवतः भारत में प्रकाशित ...
हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक प्रो. नंदकिशोर नवल (२ सितंबर,१९३७ - १२ मई,२०२०) संपादक भी थे उन्होंने ‘धरातल,’ ‘उत्तरशती,’ ‘आलोचना’ और ...
फणीश्वरनाथ रेणु (४ मार्च १९२१-११ अप्रैल १९७७) का यह जन्म शती वर्ष है, ४ मार्च से उनसे सम्बंधित आयोजन देश ...
वरिष्ठ कवि विमल कुमार का नया संग्रह \'जंगल में फिर आग लगी है\' उद्भावना से प्रकाशित हुआ है. जिसकी भूमिका ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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