इंडस ब्लूज़ : नरेश गोस्वामी
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित पाकिस्तानी फ़िल्ममेकर जवाद शरीफ़ की निर्देशित एवं निर्मित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडस ब्लूज़’ (2018) संकटग्रस्त लोक-संगीत और विलुप्ति की कगार पर खड़े उसके वाद्ययंत्रों की ऐसी तान छेड़ती...
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित पाकिस्तानी फ़िल्ममेकर जवाद शरीफ़ की निर्देशित एवं निर्मित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडस ब्लूज़’ (2018) संकटग्रस्त लोक-संगीत और विलुप्ति की कगार पर खड़े उसके वाद्ययंत्रों की ऐसी तान छेड़ती...
ऋत्विक घटक (1925–1976) की जन्मशती के अवसर पर आलोचक रविभूषण का आलेख आप यहीं पढ़ चुके हैं. निर्देशक–लेखक अरुण खोपकर का प्रस्तुत यह आलेख ऋत्विकदा की फ़िल्मों की खासियत को...
20वीं सदी के महान साहित्यकारों में से एक फरनांदो पेसोआ (13 जून, 1888 – 10 नवम्बर, 1935) ने अपने जीवन में सत्तर से अधिक छद्म नामों (हेटेरोनिम्स) से लेखन किया....
ऋत्विक घटक (1925–1976) की जन्मशती के अवसर पर उनके जीवन और फिल्मों पर आधारित यह विशेष आलेख प्रस्तुत किया जा रहा है. वरिष्ठ आलोचक रविभूषण ने उनकी फ़िल्मों की विशिष्टता...
20वीं शताब्दी के महानतम लेखकों में से एक मार्सेल प्रूस्त अपने अंतिम वर्षों की रुग्णता के एकांत में केवल काग़ज़ पर लिखने की आवाज़ भर सुनना चाहते थे. स्मृतियों का...
तानाशाहों के प्रभाव और प्रचार का ऐसा घातक असर मन-मस्तिष्क पर होता है कि उसके अधिकतर प्रशंसकों को यह पता ही नहीं चल पाता कि हो क्या रहा है. बेहद...
स्पेनिश भाषा में 1955 में प्रकाशित युआन रूल्फ़ो के उपन्यास पेद्रो पारामो का ठंडा स्वागत हुआ. कुछ कृतियाँ अपने होने को साबित करने में वक्त लेती हैं. इसके महत्व का...
राजकपूर ने हिंदी सिनेमा की मजबूत नींव रखी. उनकी फिल्में उन इमारतों की तरह हैं जिनसे आज़ादी की उम्मीद का सूर्योदय और भविष्य के सपनों की चमकीली रातें दिखती थीं....
पायल कपाड़िया की फ़िल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट’ दुनिया भर में सराही जाने के बाद भारत के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो गई है. यह सपने की तरह है और...
प्रसिद्ध अभिनेता और रंगकर्मी मोहन अगाशे मनोचिकित्सक भी हैं. हिंदी की मुख्यधारा की फिल्मों में भी उन्होंने काम किया है. उनसे अरविंद दास ने यह बातचीत की है. प्रस्तुत है.
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