फ़िल्म

विष्णु खरे: भय भी हमें चूहा बना देता है

हिंदुस्तान के सबसे चर्चित चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन के लिए यह ‘माह’ और यह ‘साल’ उन्हें याद करने और उनके मूल्यांकन का होना चाहिए था, पर अकादमिक निष्क्रियता और संचार...

दीपन : विष्णु खरे

६८वें कान इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में इस बार फ्रेंच फ़िल्म ‘दीपन’ को चुना गया है. फ़िल्म का नायक ‘दीप’ तमिल-सिंहल गृह-युद्ध के दरमियान अपनी नकली पत्नी और बेटी के साथ...

एक छपे रिसाले के लिए विलम्बित मर्सिया : विष्णु खरे

एक छपे रिसाले के लिए विलम्बित मर्सिया : विष्णु खरे

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ समूह की मुंबई से 1951 में शुरू हुई अंग्रेजी फ़िल्म पत्रिका ‘स्क्रीन’ के प्रिंट संस्करण के बंद होने की खबर है. ‘स्क्रीन’ कुछ उन पुरानी पत्रिकाओं में...

ईदा (Ida) : विष्णु खरे

ईदा (Ida) : विष्णु खरे

विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में इतिहास और भूगोल की यात्रा करती 2013 के आस्कर से सम्मानित पावेल पाव्लिकोस्की की पोलिश फिल्म ‘’ईदा’’ कई कारणों से चर्चा में है. इस फ़िल्म के...

ऐब (A.I.B) : विष्णु खरे

ऐब (A.I.B) : विष्णु खरे

ऐब (AIB) ने जिस तरह से गालियों और अश्लीलता की मार्केटिंग शुरू की है और उसे एक मूल्य में बदल दिया है, उससे उसके तात्कालिक असर तो दिखने शुरू हो...

शर्ली एब्दो और पीके: विष्णु खरे

शर्ली एब्दो और पीके: विष्णु खरे

पेरिस में ही पैदा हुए दार्शनिक वाल्तेयर अभिव्यक्ति की आज़ादी के सबसे बड़े पैरोकार माने जाते हैं. वह कहा करते थे कि तुम्हारी बात से मेरा सहमत होना जरूरी नहीं...

परख और परिप्रेक्ष्य : दादा साहब फाल्के

   दादा साहेब फ़ाल्के : सिनेमा के हस्ताक्षर दिलनवाज़भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फ़ाल्के उर्फ़ धुंदी राज गोविंद फ़ाल्के का जन्म महाराष्ट्र मे नासिक के करीब एक गांव मे 30 अप्रैल 1870 को हुआ. फ़ाल्के मे कला...

Page 10 of 11 1 9 10 11

फ़ेसबुक पर जुड़ें