इसी कोरोना काल में ‘टॉम एंड जैरी’ के शिल्पकार जीन डाइच का ९५ वर्ष की अवस्था में १६ अप्रैल को...
Read moreफ़रीदा खानम ने जब फ़ैयाज़ हाशमी की 'आज जाने की ज़िद न करो' गाया तो किसी को क्या पता था...
Read more१९ वीं और २० वीं सदी की संधि बेला हिंदुस्तान में कला, संगीत, नृत्य के लिए किसी आपदा से कम...
Read moreआइडिया ऑफ़ समालोचन यह था/है कि यह निरी साहित्य की ही पत्रिका न रहे दूसरे सामाजिक अनुशासनों से भी संवादरत...
Read moreइरफ़ान और ऋषि कपूर ने इस कठिन कोरोना काल में एक-एक कर के हमसे विदा ले ली. एक एक्टर था...
Read moreअभिनेता इरफ़ान ख़ान (७ जनवरी १९६७-२९ अप्रैल २०२०) अब नहीं रहे, उनकी प्रभावशाली आँखों का अभिनय, उनकी फ़िल्में बची रहेंगी....
Read moreसत्यजित राय (সত্যজিৎ রায়- २ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) का आज स्मृति दिवस है. आज ही के दिन १९९२ में उन्होंने हम...
Read more\'ढोज्या में ढोज्या ते दीधेला घूँट, हवे माँझी झाँझरीने बोलवानी छूट.\'गुजराती भाषा की फिल्म ‘हेल्लारो’ को 66वें भारतीय फिल्म पुरस्कार समारोह...
Read moreतुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी फिल्म \'सांड की आँख\' की इधर चर्चा है. इस फिल्म पर संदीप नाईक का...
Read moreटोड्ड फिलिप्स के निर्देशन में बनी अंग्रेजी फिल्म ‘जोकर’ के अभिनेता ‘जौक़िन फोयनिक्स’ (Joaquin Phoenix/ वाकीन फ़ीनिक्स) में आख़िर ऐसा क्या...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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