उस्ताद के क़िस्से मेरे हिस्से : विवेक टेंबे
चित्रकार, कलाकार, विचारक और कवि जगदीश स्वामीनाथन (जून २१, १९२८ – १९९४) के शिष्य विवेक टेंबे ने अपने उस्ताद के संग-साथ को इधर लिखना शुरू किया है. यह संस्मरण अप्रतिम...
चित्रकार, कलाकार, विचारक और कवि जगदीश स्वामीनाथन (जून २१, १९२८ – १९९४) के शिष्य विवेक टेंबे ने अपने उस्ताद के संग-साथ को इधर लिखना शुरू किया है. यह संस्मरण अप्रतिम...
आइडिया ऑफ़ समालोचन यह था/है कि यह निरी साहित्य की ही पत्रिका न रहे दूसरे सामाजिक अनुशासनों से भी संवादरत रहे और कला के दीगर माध्यमों से भी जुड़ी रहे....
(Photo Credit S. Subramanium)“मेरे अन्दर एक तरह का नैरन्तर्य (रहता) है”(मरहूम चित्रकार ‘रामकुमार के साथ पीयूष दईया का संवाद’ से) भारत के श्रेष्ठम अमूर्त चित्रकार (23 सितम्बर, 1924 – 14...
आदिवासी कलाकार जनगढ़ सिंह श्याम निगाता (जापान) शहर के एक छोटे से गाँव में जहाँ वह हासेगावा के साथ रहते थे, एक दिन कमरे में मृत पाए गए. उनके पास...
प्रसिद्ध प्रतीकवादी अमूर्त चित्रकार प्रभाकर बर्वे ने अपने चाचा मूर्ति शिल्पकार वी. पी. करमारकर और फिल्मों से जुड़े अपने पिता से बहुत कुछ सीखा. जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स से...
चित्रकार, कलाकार, विचारक और कवि जगदीश स्वामीनाथन (June 21, 1928 – 1994) का जन्म शिमला में बसे तमिल परिवार में हुआ था. वे कांग्रेस सोशलिष्ट पार्टी और फिर कम्युनिष्ट पार्टी...
28 अगस्त को मशहूर चित्रकार अखिलेश अपने जीवन के साठ वर्ष पूरे करने जा रहे हैं. कोलकोता में १ दिसम्बर को अखिलेश जी की षष्ठिपूर्ति के सिलसिले में एक बड़ी...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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