आलेख

भीतर और बाहर का शहर: नरेश गोस्वामी

भीतर और बाहर का शहर: नरेश गोस्वामी

‘छबीला रंगबाज़ का शहर’ और ‘वास्‍कोडिगामा की साइकिल’ के लेखक प्रवीण कुमार की कहानियों में बनते हुए शहर और बिगड़ते हुए गावं की शक्ल-ओ-सूरत पर कथाकार और समाज विज्ञानी नरेश...

मीडिया का मानचित्र: अरविंद दास

मीडिया का मानचित्र: अरविंद दास

पत्रकार अरविंद दास हिंदी में मीडिया के सरोकारों को समझने और उसपर लिखने वाले लेखक हैं. ‘अनुज्ञा बुक्स’ से उनकी इसी विषय पर नयी पुस्तक आ रही है- ‘मीडिया का...

पाकिस्तान-यात्रा: पंकज पराशर

 लेखक-आलोचक पंकज पराशर द्वारा लिखे गये कला क्षेत्र की मकबूल शख्सियतों पर केंद्रित आलेख समालोचन पर आप पढ़ रहें हैं,इन्हें बहुत पसंद किया गया है. इस बीच वे अपनी यात्रा...

भाष्य : मुक्तिबोध (लकड़ी का रावण): सदाशिव श्रोत्रिय

गजानन माधव मुक्तिबोध (१३ नवम्बर,१९१७ – ११ सितम्बर,१९६४) की लम्बी कविताओं में ‘ अँधेरे में’, ‘ब्रह्मराक्षस’ आदि की चर्चा होती है, पर ‘लकड़ी का रावण’ कविता पर ध्यान कम गया...

युद्ध और हिंदी कहानी: गरिमा श्रीवास्तव

युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित हिन्दी कहानियों के संदर्भ में अक्सर ‘उसने कहा था’ की ही चर्चा होती है. प्रेमचंद युग से लेकर आजतक युद्ध केंद्रित कहानियां लिखने का सिलसिला...

हेमरतनकृत गोरा-बादल पदमिणी चउपई का हिंदी कथा रूपांतर: माधव हाड़ा

(18th-century painting of Padmini.)महाकवि जायसी कृत ‘पदमावत’ के ४८ वर्ष बाद 1588 ईस्वी में हेमरतन ने ‘गोरा बादल पदमिणी चउपई’ की रचना राजस्थानी भाषा में की थी. लगभग ६१६ छंदों...

उषा प्रियंवदा की स्त्रियाँ : प्रेमकुमार मणि

 ‘वापसी’ जैसी कालजयी कहानियों के अलावा ‘पचपन खंभे लाल दीवारें’, ‘रुकोगी नहीं राधिका’, ‘शेषयात्रा, ‘अंतर्वंशी’,‘भया कबीर उदास’, ‘नदी’, \'अल्पविराम\' आदि उपन्यासों की लेखिका उषा प्रियंवदा ने बीते २४ दिसंबर को...

शम्सुर्रहमान फ़ारुक़ी: वक़्त के चेहरे को आईना-ए-हुस्न में देखना: विनोद तिवारी

  लेखक, आलोचक, शोधकर्ता और संपादक शम्सुर्रहमान फ़ारुक़ी (३० सितम्बर, १९३५ - २५ दिसम्बर २०२०) उर्दू और अंग्रेजी में लिखते थे. उनकी महत्वपूर्ण कृतियों के अनुवाद हिंदी में भी हुए हैं....

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