आलेख

ग़ुलामी के दस्तावेज़ और सवा सेर गेहूँ की कहानी : सुजीत कुमार सिंह

ग़ुलामी के दस्तावेज़ और सवा सेर गेहूँ की कहानी : सुजीत कुमार सिंह

साहित्य के लिए भाषा का सौंदर्य जितना महत्त्वपूर्ण है, उतनी ही उसकी वह कारीगरी भी, जिससे वह जीवन के सुख-दुख, पीड़ा-निराशा में सहयात्री बनता है. जब न्याय के पक्ष में...

तेजी ग्रोवर की कविता: मदन सोनी

तेजी ग्रोवर की कविता: मदन सोनी

तेजी ग्रोवर (1955) के छह कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उनकी कृतियाँ देश-विदेश की तेरह भाषाओं में अनूदित हुई हैं. ‘संभावना’ से प्रकाशित ‘तूजी शेरजी और आत्मगल्प’ इधर चर्चा में है....

प्रसाद की कृतियों में आजीवक प्रसंग : ओमप्रकाश कश्यप

प्रसाद की कृतियों में आजीवक प्रसंग : ओमप्रकाश कश्यप

हिंदी साहित्य के अग्रणी उन्नायक जयशंकर प्रसाद के नाटक ‘चंद्रगुप्त’ के प्रारंभिक संस्करण में आजीवक प्रसंग तीन दृश्यों में आया है, जो उसके अगले संस्करण से हटा दिए गए. ये...

एक प्रकाश-पुरुष की उपस्थिति : गगन गिल

एक प्रकाश-पुरुष की उपस्थिति : गगन गिल

एक निर्वासित देश छह दशकों से किसी दूसरे देश में अपनी स्मृति, वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं के साथ रह रहा हो, ऐसा उदाहरण विश्व में दुर्लभ है. तिब्बत के...

साहित्य का नैतिक दिशा सूचक: त्रिभुवन

साहित्य का नैतिक दिशा सूचक: त्रिभुवन

बहस जब व्यक्ति से प्रवृत्तियों की ओर अग्रसर होती है, तो वह विमर्श की दिशा में मुड़ जाती है. उसमें एक स्थायित्व आ जाता है. उसका देश-काल विस्तार पाने लगता...

मोहन राकेश : रमेश बक्षी

मोहन राकेश : रमेश बक्षी

यह मोहन राकेश (8 जनवरी, 1925 - 3 दिसंबर, 1972) का जन्म शताब्दी वर्ष है. उनके नाटकों के प्रदर्शन और उनके साहित्य को समझने का यह वर्ष होना चाहिए. आधुनिक...

न्गुगी वा थ्योंगो : दिगम्बर

न्गुगी वा थ्योंगो : दिगम्बर

अफ्रीकी संस्कृति, भाषा और पहचान को केंद्र में रखकर रची गई न्गुगी वा थ्योंगो की रचनाएँ उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ सशक्त प्रतिरोध हैं. न्गुगी वैश्विक दृष्टिकोण के...

गुलज़ार : छवि और कवि : हरीश त्रिवेदी

गुलज़ार : छवि और कवि : हरीश त्रिवेदी

हिंदी फिल्मी गीतों को जिन गीतकारों ने संवेदनशील और सहनीय बनाए रखा है, उनमें गुलज़ार का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इसके साथ ही, उन्होंने कविताएँ, कहानियाँ, और उपन्यास...

हर कोई युद्ध के पहले और युद्ध के बाद की तस्वीर की तरह है: रवीन्द्र व्यास

हर कोई युद्ध के पहले और युद्ध के बाद की तस्वीर की तरह है: रवीन्द्र व्यास

सोमाली मूल की ब्रिटिश कवयित्री वार्सन शिरे अपनी कविताओं के लिए विश्वविख्यात हैं, विशेष रूप से प्रसिद्ध गायिका बेयोन्से नोल्स के संगीतमय एल्बम ‘लेमोनेड’ और ‘ब्लैक इज़ किंग’ के लिए...

एडवर्ड सईद : प्राच्यवाद से पहले : शीतांशु

एडवर्ड सईद : प्राच्यवाद से पहले : शीतांशु

एडवर्ड सईद की पुस्तक ओरिएंटलिज्म ने पूरब को देखने के पश्चिमी नजरिए में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए गंभीर सवाल खड़े किए. औपनिवेशिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पश्चिम ने पूरब...

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