विजय राही की कविताएँ
कविताएँ अच्छी हों तो पढ़ने का सुख देती हैं. प्रकाशित करने का भी श्रम सार्थक होता है. कविता और प्रकारांतर से शब्दों पर विश्वास दृढ़ होता है. विजय राही राजस्थान...
कविताएँ अच्छी हों तो पढ़ने का सुख देती हैं. प्रकाशित करने का भी श्रम सार्थक होता है. कविता और प्रकारांतर से शब्दों पर विश्वास दृढ़ होता है. विजय राही राजस्थान...
बत्तीस वर्षीय आशीष बिहानी मॉन्ट्रियल चिकित्सकीय अनुसंधान संस्थान (कनाडा) में शोधार्थी हैं. वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य की उनकी दो लम्बी कविताएँ ‘भीष्म’ और ‘मिटना’ आप पहले भी पढ़ चुके हैं. ‘बीज’ कविता...
संदीप नाईक की ये कविताएँ संघर्षशील और जीवट से भरी साधारण पर गर्वीला जीवन व्यतीत करतीं स्त्रियों की कविताएँ हैं. इनमें दयामनी बारेला, सोनी सोरी, मेधा पाटकर आदि के चेहरे...
‘तुम्हारे साथ इतनी सुखी हूँ मैं /कि अब मेरे इस सुख से भी /ग्लानि का तीर झाँकने लगा है…’ वह रिक्त में आती है पर जब आप भरे हों. आकंठ....
वरिष्ठ कवयित्री,कथाकार और अनुवादक तेजी ग्रोवर की ‘नी मेरिए माँएँ’ शीर्षक से प्रकाशित माँ के लिए ग्यारह कविताएँ पढ़ते हुए पहली प्रतिक्रिया आँखें देती हैं. फफकती हुई रुलाई कोरों पर...
आमिर हमज़ा की प्रस्तुत कविताएँ उनके कवि व्यक्तित्व को और पुख़्ता करती हैं. कविता की सूक्ष्मता का निर्वाह है. आंतरिक लय से च्युत नहीं होती इन कविताओं का रकबा बड़ा...
अमित तिवारी कविताएँ लिखते हैं. अनुवाद करते हैं. उनकी कविताओं ने ध्यान खींचा है. उनकी कुछ नई कविताएँ प्रस्तुत हैं.
फरवरी का महीना है. फाल्गुन मास. वसंत और उसके उत्सव का महीना. प्रेम के मनुहार का उज्ज्वल पक्ष. स्त्री से अधिक सुंदर इस धरती पर कुछ भी नहीं. उसका होना...
लवली गोस्वामी का पहला कविता संग्रह 2019 में “उदासी मेरी मातृभाषा है” शीर्षक से प्रकाशित हुआ था जिसे 2022 का केदारनाथ स्मृति सम्मान मिला है. उनकी कुछ नयी कविताएँ प्रस्तुत...
महानायकों का जीवन ही नहीं अवसान भी काव्य जैसा होता है. वे असाधारण मृत्यु के लिए अभिशप्त हैं. बीसवीं सदी की निराशा को निराला ने ‘राम की शक्ति पूजा में’...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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