जिगरी यार: लुइगी पिरांदेलो: अनुवाद: सुशांत सुप्रिय
(पेंटिग : 3 close friends : NGUYEN THI CHAU GIANG (Vietnam)इटली के नाटककार, उपन्यासकार, कवि, कथाकार तथा १९३४ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित Luigi Pirandello (28 June 1867...
(पेंटिग : 3 close friends : NGUYEN THI CHAU GIANG (Vietnam)इटली के नाटककार, उपन्यासकार, कवि, कथाकार तथा १९३४ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित Luigi Pirandello (28 June 1867...
प्रसिद्ध लातिन अमेरिकी कथाकार जूलियो कोर्टाज़ार Julio Cortázar (1914 –1984) अपनी चकित करने वाली शैली और कथा के फैंटेसी रुझान के लिए जाने जाते हैं. जीवन के अँधेरे पक्ष और...
इटली के मशहूर कथाकार Italo Calvino (15 October 1923 – 19 September 1985) के अंतिम उपन्यास Mr. Palomar (1983, tr. William Weaver 1985) के एक अंश ‘the naked bosom’ का...
प्रेमचंद गाँधी समर्थ कवि के साथ उम्दा अनुवादक भी हैं. फिलीस्तीनी कवयित्री सूसन अबुलहवा की इन कविताओं में प्रेम को पढ़ते हुए आप अपने आप को खो बैठेंगे. ये कविताएं...
समालोचन में भारतीय भाषाओँ के कवियों का हिंदी अनुवाद आप पढ़ते रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले मराठी के युवा कवि रफीक सूरज की कविताओं का हिंदी अनुवाद आपने पढ़ा. ...
वसंतोत्सव के इस माह में प्रेम के विश्व प्रसिद्ध आख्यान ‘Love In the Time of Cholera’ के एक अंश का अनुवाद आपके लिए, अनुवाद अपर्णा मनोज ने किया है. अनुवाद सशक्त...
२०१६ का ५२ वां ज्ञानपीठ पुरस्कार आधुनिक बांग्ला साहित्य के जानेमाने कवि शंख घोष को दिए जाने की घोषणा हुई है. इससे पहले बांग्ला लेखकों में ताराशंकर, विष्णु डे, सुभाष...
जब परिस्थितियाँ विकट, त्रासद और दारुण हो जाती हैं तब साहित्य और कलाएं प्रतिपक्ष का नया शिल्प विकसित करती हैं जो सटीक हो और सूक्ष्मता से अपने समय की विद्रूपता...
बीसवीं शताब्दी के महान क्रांतिकारी नेताओं में अग्रगण्य फिदेल के लगातार घंटो तक जोशीले भाषण देने की कला के कारण उनके मित्र उन्हें, ‘द जाइंट’ नाम से पुकारते थे. फिदेल ने...
इरोस्ट्रेटस (Erostratus) ज़्याँ पाल सार्त्र (Jean-Paul Sartre) के कहानी संग्रह The Wall (French: Le Mur) में संकलित है. इसका प्रकाशन 1939 में हुआ था. विश्व युद्धों की गहरी निराशा और...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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