Tag: आमिर हमज़ा

बतकही: अजेय और आमिर हमज़ा

बतकही: अजेय और आमिर हमज़ा

सुदूर प्रक्षेत्रों में जहाँ पीठ और परम्पराएँ नहीं हैं. साहित्य किस तरह अंकुरित होता है, पनपता और पसरता है? इसे ...

आमिर हमज़ा की कविताएँ

आमिर हमज़ा की कविताएँ

आमिर हमज़ा की प्रस्तुत कविताएँ उनके कवि व्यक्तित्व को और पुख़्ता करती हैं. कविता की सूक्ष्मता का निर्वाह है. आंतरिक ...

आमिर हमज़ा: और वह एक रोज़मर्रा एक रोज़ आदमिस्तान के मकड़जाल से छूट क़ब्रिस्तान के तसव्वुर में जा पहुँचा

आमिर हमज़ा: और वह एक रोज़मर्रा एक रोज़ आदमिस्तान के मकड़जाल से छूट क़ब्रिस्तान के तसव्वुर में जा पहुँचा

युवा आमिर हमज़ा की काव्य-संभावनाएं उनकी पिछली कविताओं में मुखर थीं, इस लम्बी कविता में उनका सामर्थ्य देखा जा सकता ...

आमिर हमज़ा की कविताएँ

आमिर हमज़ा की कविताएँ

मूर्तिकार अपने शिल्प में डूबा हुआ ख़ुद में डूब जाता है. रचनात्मकता भी अध्यात्म है. सृजनात्मक लोगों को अलग से ...