उत्तराखण्ड में नवलेखन-7: बटरोही
उत्तराखण्ड की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को समझने, सहेजने और नयी पीढ़ी में उसके अंकुरण को पहचानने का जैसा उद्यम ...
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उत्तराखण्ड की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को समझने, सहेजने और नयी पीढ़ी में उसके अंकुरण को पहचानने का जैसा उद्यम ...
विज्ञान और वैज्ञानिक चेतना दोनों के प्रचार प्रसार की कितनी आवश्यकता भारत को है इसे बताने के आवश्यकता नहीं है. ...
उत्तराखण्ड में नवलेखन की यह पाँचवीं क़िस्त नवीन कुमार नैथानी और अशोक पाण्डे के कथा-लेखन पर केन्द्रित है. कवि-कथाकार अशोक ...
मुख्यधारा के समानांतर अनेक धाराएँ चलती हैं, मुख्यधारा इन्हीं से जीवन पाती है. हिंदी का साहित्य ही इन्हीं उपधाराओं से ...
उत्तराखण्ड में नवलेखन की तीसरी कड़ी में वरिष्ठ लेखक बटरोही अरुण कुकसाल और शम्भू राणा की चर्चा कर रहें हैं. ...
वरिष्ठ लेखक बटरोही के लेखन में उत्तराखण्ड की संस्कृति और उसकी सामाजिक बुनावट की गहरी समझ मिलती है. नवलेखन की ...
वरिष्ठ कथाकार बटरोही उत्तराखण्ड की साहित्यिक-सांस्कृतिक संपदा को अपनी लेखनी का विषय बनाते रहें हैं. उनके लेखन में साहित्य, इतिहास, ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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