कुँवर नारायण : कुमारजीव, स्मृति और संवाद : रेखा सेठी
‘कि उसमें विनम्र अभिलाषाएं हों बर्बर महत्त्वकांक्षाएं नहीं,’ हिंदी के महत्वपूर्ण कवियों में से एक कुंवर नारायण का आज जन्म ...
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‘कि उसमें विनम्र अभिलाषाएं हों बर्बर महत्त्वकांक्षाएं नहीं,’ हिंदी के महत्वपूर्ण कवियों में से एक कुंवर नारायण का आज जन्म ...
कुँवर नारायण की कविताओं का एक चयन रेखा सेठी ने किया है और वह आधार प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित ...
‘बढ़ती हुई व्यावसायिकता और स्पर्धा से जो अभी भी बचे हुए हैं उनको समर्पित’- कुँवर नारायणकुँवर नारायण हिंदी के जितने ...
मुक्तिबोध ने कुँवर नारायण को ‘कविता में अंतरात्मा की पीड़ित विवेक चेतना और जीवन की आलोचना’ का कवि कहा है. ...
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