विशाखा मुलमुले की कविताएँ
हिंदी और मराठी का गहरा नाता है एक तो दोनों की लिपि देवनागरी है, फिर प्रारम्भिक खड़ी बोली हिंदी ने ...
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हिंदी और मराठी का गहरा नाता है एक तो दोनों की लिपि देवनागरी है, फिर प्रारम्भिक खड़ी बोली हिंदी ने ...
पृथ्वी से सूर्य की दूरी पर इस धरा का अस्तित्व निर्भर है. दूरी बढ़ी तो जीवन बर्फ़ और घटी तो ...
कवि-आलोचक अच्युतानंद मिश्र की इन नयी कविताओं में उदासी और निराशा का व्यक्तिगत से अधिक कालगत सन्दर्भ है. यह इस ...
हिंदी कविता में युवा स्त्री स्वर यौनिकता को लेकर सचेत है और मुखर भी. देखना यह होता है कि कविता ...
कविताओं के कथ्य और शिल्प में जब बदलाव सामूहिकता में लक्षित हों तब उसे नये नाम से पुकारने की जरूरत ...
अम्बर पाण्डेय अपने लेखन में लगातार प्रयोग करने वाले अन्वेषी कवि-कथाकार हैं. प्रदत्त में बदलाव करते हुए नया अर्जित करते ...
अनुराधा सिंह ने अपने वक्तव्य में लिखा है कि कवियों को ग़ैर ज़रूरी होना आना चाहिए. कविता भी जिसे हमें ...
अविनाश मिश्र जीवन की यातना के कवि हैं, कभी कामू ने कहा था कि आधुनिक मनुष्य सीसिफ़स की तरह शापग्रस्त ...
महेश वर्मा का पहला कविता संग्रह ‘धूल की जगह’ इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. २१ वीं सदी की ...
अनुराधा सिंह की कविताएँ संशय की कविताएँ हैं.सबसे पहले वह लिखे हुए शब्दों को संदेह से देखती हैं कि क्या ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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