मैं असहमत: कविताएँ
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
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समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
पिछले पांच दशकों से अनथक सक्रिय कँवल भारती हमारे समय के महत्वपूर्ण लेखक-विचारक हैं. पंकज चौधरी के इसी वर्ष प्रकाशित ...
कवि-संपादक राकेश रेणु का तीसरा कविता संग्रह- ‘नये मगध में’ इसी वर्ष अनुज्ञा बुक्स से प्रकाशित हुआ है. इसकी चर्चा ...
नरेन्द्र पुंडरीक (15 जुलाई, 1953, बांदा) का छठा कविता संग्रह- ‘समय का अकेला चेहरा’ पिछले वर्ष लिटिल बर्ड पब्लिकेशन, नई ...
'लोग अच्छे हैं बहुत दिल में उतर जाते हैं/ इक बुराई है तो बस ये है कि मर जाते हैं.' ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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