देश बता तुझे हुआ क्या है? उर्मिला शिरीष
अनंत में 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती पृथ्वी पर मनुष्य अपने अस्तित्व को लेकर इतना आश्वस्त है ...
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अनंत में 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती पृथ्वी पर मनुष्य अपने अस्तित्व को लेकर इतना आश्वस्त है ...
सेतु प्रकाशन से इसी वर्ष श्रीप्रकाश शुक्ल की प्रकाशित पुस्तक- ‘महामारी और कविता’ की विवेचना कर रहें हैं सौरव कुमार ...
कोरोना में आफत मनुष्यों पर तो थी ही, पशु भी इससे प्रभावित हुए. हीरालाल नागर ने कुत्तों ख़ासकर जो पालतू ...
महामारी के आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक आयामों पर चर्चा कर रहें हैं नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय के वरिष्ठ शोध सहायक सौरव कुमार राय
आइडिया ऑफ़ समालोचन यह था/है कि यह निरी साहित्य की ही पत्रिका न रहे दूसरे सामाजिक अनुशासनों से भी संवादरत ...
कोरोना का कहर चीन में दिसम्बर (२०१९) से शुरू हो गया था. अब वह इस पर जीत के जश्न की ...
चर्चित कथाकार पंकज मित्र की कहानी ‘कोरोना से ऐन पहले’ पांच कथाओं का समुच्चय है जिसे क्वॉरेंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, ...
कोरोना-काल में सिर्फ साहित्य की किताबें ही पढ़ी-गुनीं नहीं जा रहीं हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिशास्त्र विभाग के शोधार्थी प्रांजल ...
यह फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म शताब्दी वर्ष है, उनकी प्रसिद्ध कहानी ‘पहलवान की ढोलक’ हालांकि बदलते भारत में देसी कलाकारों ...
कवि, विचारक, कला-संस्कृति मर्मज्ञ अशोक वाजपेयी की कुछ बिलकुल नई कविताएँ प्रस्तुत हैं. इनमें मेघ-मन्द्र स्वर में कोरोनाकालीन समय की ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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