अयोध्या में कालपुरुष! : बोधिसत्व
महानायकों का जीवन ही नहीं अवसान भी काव्य जैसा होता है. वे असाधारण मृत्यु के लिए अभिशप्त हैं. बीसवीं सदी ...
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महानायकों का जीवन ही नहीं अवसान भी काव्य जैसा होता है. वे असाधारण मृत्यु के लिए अभिशप्त हैं. बीसवीं सदी ...
हिंदी कविता की जड़े देखनी हो तो सिद्धों-नाथों की कविताओं को पढ़ना चाहिए. गहरी और फैली हुईं. ख़ासकर गोरखनाथ को. ...
जयशंकर प्रसाद हिंदी साहित्य के लिए जितना कर सकते थे अधिकतम किया. कविता, कहानी, उपन्यास, और नाटक के क्षेत्रों में ...
कवि बोधिसत्व की इस कविता में गांधी जी से जो सवाल पूछे गये हैं, अगर आज वह होते तो जैसी ...
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
लोक सहज ही मार्मिक है, विशिष्ट को साधारण बनाकर सुख-दुःख उससे जोड़ देता है. जिसे शास्त्र कहने में हिचकते हैं ...
कविताएँ प्रतीकों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बदल भी देती हैं और उनके सामने प्रतिरोध में खड़ी भी हो जाती ...
हिंदी के सुपरिचित कवि बोधिसत्व की इन ग्यारह कविताओं में कविता की अपनी शक्ति तो दिखती ही है प्रतिरोध का ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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