आग और जल से निपजा सौन्दर्य: रंजना मिश्र
नरेश गोस्वामी के अनुसार. “विनोद पदरज की कविताओं को पढ़ना अपनी चेतना और भाव संवेदना से मैल छुड़ाने की तरह ...
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नरेश गोस्वामी के अनुसार. “विनोद पदरज की कविताओं को पढ़ना अपनी चेतना और भाव संवेदना से मैल छुड़ाने की तरह ...
रंजना मिश्र अरसे से कविताएँ लिख रहीं हैं, अब उनका पहला कविता संग्रह- ‘पत्थर समय की सीढ़ियाँ’, लिटिल बर्ड पब्लिकेशन्स, ...
कोई लेखक अपने लेखन से बड़ा तो होता ही है इससे भी होता है कि उसने कितने नए लेखकों ...
लेख ‘अमूर्तन का आलाप’ में रंजना मिश्र ने यह रेखांकित किया था कि प्रोतिमा बेदी के जीवन में पंडित जसराज ...
पंडित जसराज (१९३०-२०२०) की यह यात्रा भारतीय शास्त्रीय गायन की भी यात्रा है, इस बीच वह भारत से निकल कर ...
सत्यजित राय (সত্যজিৎ রায়- २ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) का आज स्मृति दिवस है. आज ही के दिन १९९२ में उन्होंने हम ...
कवियों पर कविताएँ कवि लिखते रहें हैं. ‘पुरस्कारों की घोषणा’ में रंजना मिश्रा ने कवियों पर जो मीठी चुटकी ली ...
शब्दों की अपनी स्वायत्त सत्ता है, ये दीगर सत्ता केन्द्रों के समक्ष अक्सर प्रतिपक्ष में रहते हैं. शब्दों ने बद्धमूल ...
भारतीय अंग्रेजी लेखन में मलयाली भाषी कमला दास (31 March 1934 – 31 May 2009) एक युग का प्रतिनिधित्व करती ...
संगीत और कविता का पुराना नाता है. अक्सर ये दोनों एक दूसरे में इस तरह घुले मिले रहते हैं कि ...
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