पेरियार ललई सिंह: वीरेन्द्र यादव
यथास्थितिवाद और आधुनिकता का द्वंद्व मनुष्य जाति के सबसे पुराने और अब तक असमाप्त द्वन्द्वों में से एक है. इसे ...
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यथास्थितिवाद और आधुनिकता का द्वंद्व मनुष्य जाति के सबसे पुराने और अब तक असमाप्त द्वन्द्वों में से एक है. इसे ...
गिरमिटियों पर आधारित ‘कुली लाइन्स’ से चर्चित प्रवीण कुमार झा की ‘रूस, रशिया और रासपूतिन’ पुस्तक इसी वर्ष वाणी से ...
आलोचक माधव हाड़ा इधर विवेचना और अन्वेषण दोनों कार्य बड़े मनोयोग से कर रहें हैं. कई अप्रकाशित, अल्पप्रचलित और अनुपलब्ध ...
‘अच्छा आदमी’ पंकज मित्र का पांचवां कहानी संग्रह है जिसमें नौ कहानियां शामिल हैं. इसका प्रकाशन राजकमल ने किया है. ...
कवि-संपादक राकेश रेणु का तीसरा कविता संग्रह- ‘नये मगध में’ इसी वर्ष अनुज्ञा बुक्स से प्रकाशित हुआ है. इसकी चर्चा ...
कथाकार चन्दन पाण्डेय के उपन्यास त्रयी का पहला उपन्यास- ‘वैधानिक गल्प’ प्रकाशित होकर चर्चित और प्रशंसित रहा है. दूसरा-‘कीर्तिगान’ इसी ...
कथाकार और संपादक हरि भटनागर का उपन्यास ‘दो गज़ ज़मीन’ शिवना प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है. इसकी चर्चा ...
औपनिवेशिक भारत में मज़दूर एग्रीमेंट पर ब्रिटिश उपनिवेशों पर भेजे जाते थे. यह एग्रीमेंट धीरे-धीरे गिरमिटिया शब्द में बदल गया. ...
कवि और कविता के कार्यकर्ता मिथिलेश श्रीवास्तव का ‘किसी उम्मीद की तरह’ तथा ‘पुतले पर गुस्सा’ के बाद तीसरा कविता-संग्रह ...
संपादक और कवि पीयूष दईया की ‘कार्तिक की कहानी’ सेतु प्रकाशन से इसी वर्ष छप कर आयी है, जो पहाड़ी ...
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