सूरजमुखी अँधेरे के : योगेश प्रताप शेखर
यह आलेख कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरजमुखी अँधेरे के’ की चर्चा करते हुए उसके कुछ अज्ञात आयामों की ओर ...
यह आलेख कृष्णा सोबती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरजमुखी अँधेरे के’ की चर्चा करते हुए उसके कुछ अज्ञात आयामों की ओर ...
चौरासी सिद्धों में से कुछ ही सिद्धों के विषय में थोड़ा बहुत हम जानते हैं. सरहपा उन्हीं में से एक ...
वरिष्ठ आलोचक रविभूषण का यह आलेख स्त्री-चिंतन और लेखन पर निगाह डालता है. प्रारंभ, परम्परा और विकास दर्ज करता है. ...
कहते हैं जब अरस्तु से पूछा गया कि आपका प्रिय कौन है. अरस्तु ने कहा- ‘प्लेटो, पर सत्य गुरु से ...
'क्योंकि मेरी समस्त यादें /सताई हुई नहीं हैं.' __ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने प्रभात के पहले संग्रह ‘अपनों में ...
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का निबन्ध है ‘कविता क्या है’. 1909 से लेकर 1930 तक वह इसमें तरमीम-ओ-इज़ाफ़ा करते रहे. इसलिए ...
वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की प्रकृति से मनुष्य के एकात्म पर आधारित चार कहानियों पर समाज विज्ञानी और कथाकार नरेश ...
वरिष्ठ लेखक-संपादक गिरधर राठी जीवनानन्द दाश की कालजयी कविता ‘वनलता सेन’ के विषय में लिखते हैं, ‘दशकों से, अर्थ विवेचन ...
प्रख्यात समाजवैज्ञानिक श्यामाचरण दुबे ने देवेंद्र सत्यार्थी के लिए कहा था कि "लोगों को पता ही नहीं, कि उनके बीच ...
हिंदी के सबसे बड़े व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की जन्मशती को मनाने का सबसे सार्थक तरीका तो यही है कि अब ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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