एडवर्ड सईद : प्राच्यवाद से पहले : शीतांशु
एडवर्ड सईद की पुस्तक ओरिएंटलिज्म ने पूरब को देखने के पश्चिमी नजरिए में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए गंभीर सवाल खड़े ...
Home » 2025 आलेख
एडवर्ड सईद की पुस्तक ओरिएंटलिज्म ने पूरब को देखने के पश्चिमी नजरिए में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए गंभीर सवाल खड़े ...
गगन गिल का गद्य उनकी कविताओं का ही विस्तार लगता है. समुचित और सुगठित. बुद्ध पर उनको सुनना-पढ़ना करुणा की ...
शायद ही कोई ऐसी भाषा हो जिसमें लेखकों को सम्मानित न किया जाता हो. पारदर्शी तरीके से उपयुक्त व्यक्ति का ...
प्रसिद्ध कथाकार और ‘कथा’ पत्रिका के संपादक मार्कण्डेय (2 मई 1930 - 18 मार्च 2010) की आज पुण्यतिथि है. उन्हें ...
ग़ालिब (1797-1869) का जीवन भी उनकी शायरी की ही तरह परतदार है. न उनकी शायरी पूरी खुलती है न वह. ...
युवा आलोचक सन्तोष अर्श का यह आलेख जितना कृष्णा सोबती पर है उतना ही आज के भारतीय लोकतंत्र पर भी. ...
साहित्यकार वैसे ही अपने अंदर चल रहे अंतहीन मुक़दमों के वादी-प्रतिवादी की भूमिका में रहते हैं. पर कभी-कभी उन्हें बाहर ...
आलोचना ही ऐसा क्षेत्र है जिसमें हिंदी साहित्य के शिक्षकों ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, आचार्य हजारी ...
वरिष्ठ कथाकार ओमा शर्मा की समालोचन में प्रकाशित कहानी ‘पुत्री का प्रेमी’ ने साहित्य जगत के मानस को मथ दिया ...
स्वाधीनता संग्राम के दौरान असंख्य लोगों ने वर्षों तक इसकी निराई गुड़ाई करके इसे इस लायक बनाया था कि इसपर ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum