ईरानी स्त्रियों का संघर्ष : अंचित
धार्मिक कट्टरता सबसे पहले स्त्रियों की स्वतंत्रता सीमित करती है. उनके मनुष्य की तरह जीने की आज़ादी के संघर्ष को ...
धार्मिक कट्टरता सबसे पहले स्त्रियों की स्वतंत्रता सीमित करती है. उनके मनुष्य की तरह जीने की आज़ादी के संघर्ष को ...
प्रभात प्रणीत के उपन्यास ‘वैशालीनामा: लोकतंत्र की जन्मकथा’ को इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. समीक्षा कर रहें ...
असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...
अंचित समर्थ कवि के साथ-साथ सक्षम अनुवादक भी हैं. पाब्लो नेरुदा की इन कविताओं में पाब्लो के साथ अंचित का ...
‘वही जो अदाकारा थी, जो नर्तकी थी, और कवि भी /वही तुम्हारी मृत्यु थी.’ अंचित की ये कविताएँ उनकी पूर्व की कविताओं ...
जिसे आज हम प्रेम दिवस कहते हैं, कभी वह वसंतोत्सव/मदनोत्सव के रूप में इस देश में मनाया जाता था. स्त्री-पुरुष ...
विनय कुमार का कविता संग्रह ‘यक्षिणी’ इसी साल राजकमल से छप कर आया है. यक्षिणी की खंडित मूर्ति को केंद्र ...
समालोचन पर आप अंचित को पढ़ चुके हैं, कोलकाता पर केन्द्रित इन सात कविताओं के साथ वह फिर आपके समक्ष ...
आइये युवा कवि अंचित की कुछ कविताएँ पढ़ते हैं.
कालजयी रचनाकार काल को इसीलिए जीत लेते हैं कि उनसे हमेशा अंकुर फूटते रहते हैं, उनमें यह संभावना रहती है. ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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