फॉसिल: नरेश गोस्वामी
नरेश गोस्वामी की कहानियाँ आकार में बड़ी नहीं होती हैं, कथ्य उनका सघन और अक्सर चुभने वाला होता है. कहानियों ...
नरेश गोस्वामी की कहानियाँ आकार में बड़ी नहीं होती हैं, कथ्य उनका सघन और अक्सर चुभने वाला होता है. कहानियों ...
राजकमल निःसंदेह हिंदी ही नहीं भारतीय भाषाओं का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन संस्थान है. इसकी उम्र आज़ाद भारत की ही उम्र है. ...
विकासशील समाज अध्ययन पीठ (CSDS) के प्रोफ़ेसर, भारतीय भाषा कार्यक्रम के निदेशक और 'प्रतिमान ' के प्रधान संपादक अभय कुमार ...
इवॉन्न वेरा (Yvonne Vera) अफ्रीका के कुछ महत्वपूर्ण कथाकारों मे से एक मानी जाती हैं. उनका पहला संग्रह ‘Why Don\'t ...
नरेश गोस्वामी के कथाकार ने अपने लिए जो प्रक्षेत्र चुना है वह पढ़े लिखे आदर्शवादी युवाओं के मोहभंग और उनकी ...
ख़रीद फ़रोख़्त का जो यह ऑन लाइन व्यवसाय है, जो हर जगह पसरा है यहाँ तक कि आप दिवंगत के ...
नरेश गोस्वामी की कहानियाँ आप समालोचन पर पढ़ते आ रहें हैं, आम नागरिक की लाचारी और डर को जिस तरह ...
एक सच्ची कहानी किस तरह एक राजनीतिक मंतव्य भी है इसे इस कहानी को पढ़ते हुए आप महसूस कर सकते ...
अकादमिक दुनिया को आधार बनाकर हिंदी में कम ही कहानियाँ लिखी गयीं हैं उनमें से कथाकार देवेन्द्र की कहानी ‘नालंदा ...
भारत के गाँव-देहात अब ‘गोदान’, ‘मैला आँचल’ और ‘राग दरबारी’ के गाँव देहात नहीं रह गए हैं. सतेंद्र कुमार ने ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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