रमाशंकर सिंह की पुस्तक ‘नदी पुत्र: उत्तर भारत में निषाद और नदी’ निषादों की नदी पर निर्भरता के साथ-साथ समाज...
मार्कंडेय लाल चिरजीवी भारतेंदु के समकालीन कवि हैं, उन्हें कायस्थ समझा गया जबकि दलितों की एक जाति ‘दबहर’ से उनका...
हिंदी के सुपरिचित कवि बोधिसत्व की इन ग्यारह कविताओं में कविता की अपनी शक्ति तो दिखती ही है प्रतिरोध का...
आज़ादी के बाद की भारतीय राजनीति को जिन विचारकों ने गहरे प्रभावित किया उनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया का नाम...
शेषनाथ पाण्डेय की कुछ कविताएँ और कहानियां प्रकाशित हुईं हैं. उनकी लम्बी कविता ‘सफ़ेद के सातों रंग’ प्रस्तुत है. इसमें...
फ़रीद ख़ाँ को हिंदी कवि के रूप में हम सब जानते ही हैं, कथाकार फ़रीद ख़ाँ इस कहानी से अब...
कुमार अम्बुज हिंदी के महत्वपूर्ण कवि हैं, इस वर्ष आया उनका नया कविता संग्रह- ‘उपशीर्षक’ हिंदी कविता में रेखांकित करने...
ज्ञान चंद बागड़ी के उपन्यास ‘आख़िरी गाँव’ ने ध्यान खींचा है, इधर उनकी कहानियां भी सामने आ रहीं हैं जो...
रंजना मिश्र अरसे से कविताएँ लिख रहीं हैं, अब उनका पहला कविता संग्रह- ‘पत्थर समय की सीढ़ियाँ’, लिटिल बर्ड पब्लिकेशन्स,...
हिंदी में लेखक और प्रकाशक के बीच जिस वस्तु की सबसे अधिक उपेक्षा होती है वह है लेखक की बिकी...
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