समीक्षा

कार्तिक की कहानी: विनय कुमार मिश्र

कार्तिक की कहानी: विनय कुमार मिश्र

संपादक और कवि पीयूष दईया की ‘कार्तिक की कहानी’ सेतु प्रकाशन से इसी वर्ष छप कर आयी है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा से बचाव की तैयारी को बच्चों की...

आत्मालोचन की ज़मीन पर: ब्रज नंदन किशोर

आत्मालोचन की ज़मीन पर: ब्रज नंदन किशोर

दया शंकर शरण (10 सितम्बर, 1959: सीवान) अरसे से कविताएँ लिखते रहें हैं. इस वर्ष रुद्रादित्य प्रकाशन से उनका कविता संग्रह- ‘किराये का मकान’ छप कर आया है जिसकी चर्चा...

अर्थ के संभव होने की अजस्र धारा:  धनंजय वर्मा 

अर्थ के संभव होने की अजस्र धारा: धनंजय वर्मा 

पवन माथुर वैज्ञानिक हैं और साहित्य में रुचि रखते हैं, उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं. भाषा के वैज्ञानिक-अध्ययनों से जोड़कर कविता और भाषा को समझने की कोशिश ‘संभव...

कुजात: संतोष अर्श

कुजात: संतोष अर्श

कवि विनोद दास (10 अक्तूबर, 1955, बाराबंकी) साहित्यिक पत्रिका ‘अंतर्दृष्टि’ का लम्बे समय तक संपादन-प्रकाशन करते रहें हैं. विपुल अनुवाद किया है. सिनेमा, आलोचना और साक्षात्कार की कई पुस्तकें प्रकाशित...

नागरिक समाज: विवेक निराला

नागरिक समाज: विवेक निराला

बसंत त्रिपाठी का नया कविता संग्रह ‘नागरिक समाज’ अभी-अभी सेतु प्रकाशन से छप कर आया है. इधर के कविता संग्रहों में यह ख़ास बात दिखती है कि वे वर्तमान लोकतांत्रिक...

तुलसी-साहित्य का पुनरावलोकन: भारतरत्न भार्गव

तुलसी-साहित्य का पुनरावलोकन: भारतरत्न भार्गव

वरिष्ठ आलोचक और कला समीक्षक ज्योतिष जोशी की पुस्तक ‘तुलसीदास का स्वप्न और लोक’ इसी वर्ष सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. ‘तुलसी-अध्ययन’ में यह बहुत कुछ जोड़ती है. इसकी...

बंद कोठरी का दरवाजा: नीरज खरे

बंद कोठरी का दरवाजा: नीरज खरे

रश्मि शर्मा को वर्ष 2021 का छठा शैलप्रिया स्मृति सम्मान मिला है. कविता के साथ-साथ रश्मि कहानियां भी लिखती हैं. 2022 में उनका पहला कहानी-संग्रह ‘बन्द कोठरी का दरवाजा’ सेतु...

नदी और निषाद: जगन्नाथ दुबे

नदी और निषाद: जगन्नाथ दुबे

हम नदियों की बात करते हैं, और निषादों को भूल जाते हैं, वे साहित्य और समाज से लगभग बहिष्कृत ही रहे. नदी पार करने के बाद जो स्थिति नाव की...

खोई चीज़ों का शोक: राजाराम भादू

खोई चीज़ों का शोक: राजाराम भादू

‘खोई चीज़ों का शोक’ (2021) सविता सिंह का चौथा कविता-संग्रह है. 2001 में उनका पहला संग्रह ‘अपने जैसा जीवन’ प्रकाशित हुआ था. इन बीस वर्षों में उनकी कविता के साथ-साथ...

वारसा डायरी: गरिमा श्रीवास्तव

वारसा डायरी: गरिमा श्रीवास्तव

वरिष्ठ आलोचक-लेखक रवि रंजन की पोलैंड की राजधानी वारसा प्रवास की साक्षी यह ‘वारसा डायरी’ संस्मरण और डायरी लेखन के एक दूसरे में घुल मिल जाने का आत्मीय प्रयोग है....

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