समीक्षा

कीर्तिगान: सत्यम श्रीवास्तव

कीर्तिगान: सत्यम श्रीवास्तव

कथाकार चन्दन पाण्डेय के उपन्यास त्रयी का पहला उपन्यास- ‘वैधानिक गल्प’ प्रकाशित होकर चर्चित और प्रशंसित रहा है. दूसरा-‘कीर्तिगान’ इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है. इसकी चर्चा कर रहें हैं सत्यम...

दो गज़ ज़मीन: प्रकाश कान्त

दो गज़ ज़मीन: प्रकाश कान्त

कथाकार और संपादक हरि भटनागर का उपन्यास ‘दो गज़ ज़मीन’ शिवना प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है. इसकी चर्चा कर रहें हैं प्रकाश कान्त.

काला पानी क्रॉसिंग: महेश कुमार

काला पानी क्रॉसिंग: महेश कुमार

औपनिवेशिक भारत में मज़दूर एग्रीमेंट पर ब्रिटिश उपनिवेशों पर भेजे जाते थे. यह एग्रीमेंट धीरे-धीरे गिरमिटिया शब्द में बदल गया. इस ‘प्रवास’ के इतिहास पर आशुतोष भारद्वाज और जूडिथ एम...

रौशनी में इतना अंधेरा क्यों है?  कौशल किशोर

रौशनी में इतना अंधेरा क्यों है? कौशल किशोर

कवि और कविता के कार्यकर्ता मिथिलेश श्रीवास्तव का ‘किसी उम्मीद की तरह’ तथा ‘पुतले पर गुस्सा’ के बाद तीसरा कविता-संग्रह ‘औरत ही रोती है पहले’ परिकल्पना से प्रकाशित हुआ है....

कार्तिक की कहानी: विनय कुमार मिश्र

कार्तिक की कहानी: विनय कुमार मिश्र

संपादक और कवि पीयूष दईया की ‘कार्तिक की कहानी’ सेतु प्रकाशन से इसी वर्ष छप कर आयी है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा से बचाव की तैयारी को बच्चों की...

आत्मालोचन की ज़मीन पर: ब्रज नंदन किशोर

आत्मालोचन की ज़मीन पर: ब्रज नंदन किशोर

दया शंकर शरण (10 सितम्बर, 1959: सीवान) अरसे से कविताएँ लिखते रहें हैं. इस वर्ष रुद्रादित्य प्रकाशन से उनका कविता संग्रह- ‘किराये का मकान’ छप कर आया है जिसकी चर्चा...

अर्थ के संभव होने की अजस्र धारा:  धनंजय वर्मा 

अर्थ के संभव होने की अजस्र धारा: धनंजय वर्मा 

पवन माथुर वैज्ञानिक हैं और साहित्य में रुचि रखते हैं, उनके कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं. भाषा के वैज्ञानिक-अध्ययनों से जोड़कर कविता और भाषा को समझने की कोशिश ‘संभव...

कुजात: संतोष अर्श

कुजात: संतोष अर्श

कवि विनोद दास (10 अक्तूबर, 1955, बाराबंकी) साहित्यिक पत्रिका ‘अंतर्दृष्टि’ का लम्बे समय तक संपादन-प्रकाशन करते रहें हैं. विपुल अनुवाद किया है. सिनेमा, आलोचना और साक्षात्कार की कई पुस्तकें प्रकाशित...

नागरिक समाज: विवेक निराला

नागरिक समाज: विवेक निराला

बसंत त्रिपाठी का नया कविता संग्रह ‘नागरिक समाज’ अभी-अभी सेतु प्रकाशन से छप कर आया है. इधर के कविता संग्रहों में यह ख़ास बात दिखती है कि वे वर्तमान लोकतांत्रिक...

तुलसी-साहित्य का पुनरावलोकन: भारतरत्न भार्गव

तुलसी-साहित्य का पुनरावलोकन: भारतरत्न भार्गव

वरिष्ठ आलोचक और कला समीक्षक ज्योतिष जोशी की पुस्तक ‘तुलसीदास का स्वप्न और लोक’ इसी वर्ष सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. ‘तुलसी-अध्ययन’ में यह बहुत कुछ जोड़ती है. इसकी...

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