कथा

काग़ज़ के फूल: अनुवाद: आयशा आरफ़ीन

काग़ज़ के फूल: अनुवाद: आयशा आरफ़ीन

कुछ कहानियाँ सीधे दिल में उतरती हैं और कसक छोड़ जाती हैं. दूर तक पात्र पीछा करते रहते हैं. प्रसिद्ध ओडिया कथाकार तरुण कांति मिश्र की ‘काग़ज़ के फूल’ ऐसी...

तैत्तिरीय: प्रचण्ड प्रवीर

तैत्तिरीय: प्रचण्ड प्रवीर

प्रचण्ड प्रवीर हिंदी कथा परम्परा में अलग ही तरह के कथाकार हैं. उन्होंने राशियों को आधार बनाकर कहानियाँ लिखीं हैं. उपनिषदों को आधार बनाकर कहानियाँ लिख रहें हैं. यह कहानी...

रूआता मिजो का घर: रीतामणि वैश्य

रूआता मिजो का घर: रीतामणि वैश्य

मिजोरम की पृष्ठभूमि पर आधारित इस कहानी में विवाह के समय मिजो वर द्वारा अलग घर बनाने की परम्परा का सुंदर वर्णन है. लेखिका के अनुसार मिजो पृष्ठभूमि पर हिंदी...

फॉलो बैक: दीपांकर शिवमूर्ति

फॉलो बैक: दीपांकर शिवमूर्ति

दीपांकर शिवमूर्ति की कुछ कहानियाँ हिंदी और अंग्रेजी में छपी हैं. वह फिल्मों के लिए पटकथा भी लिखते हैं. उनकी कहानी ‘फॉलो बैक’ प्रस्तुत है.

अच्छा आदमी था: मायने और महत्व: अंजली देशपांडे

अच्छा आदमी था: मायने और महत्व: अंजली देशपांडे

युवा कथाकार किंशुक गुप्ता की कहानी, ‘अच्छा आदमी था’ जब ‘समालोचन’ पर प्रकाशित हुई तो उसने बहुत से लेखकों का ध्यान भी खींचा. कथाकार, पत्रकार, और एक्टिविस्ट अंजली देशपांडे ने...

अच्छा आदमी था: किंशुक गुप्ता

अच्छा आदमी था: किंशुक गुप्ता

किंशुक गुप्ता के कहानी-संग्रह- ‘ये दिल है कि चोर दरवाज़ा’ के विषय में लेखिका बलवन्त कौर का मानना है कि ‘ये कहानियाँ नई लैंगिक अस्मिताओं की कहानियाँ हैं. जो मनःस्थिति...

मूलधन तो डूब गया: उज़्मा कलाम

मूलधन तो डूब गया: उज़्मा कलाम

उज़्मा कलाम की अभी कुछ ही कहानियाँ प्रकाशित हुईं हैं पर जिस तरह से भाषा और शिल्प पर उनकी पकड़ दिखती है क़ाबिले-तारीफ़ है. यह कहानी एक पल के लिए...

कहानी: राहुल श्रीवास्तव

कहानी: राहुल श्रीवास्तव

'साहेब, बीवी और गैंस्टर' जैसी फ़िल्मों का सम्पादन, लघु फ़िल्म 'इतवार' का लेखन एवं निर्देशन तथा अनेक विज्ञापन फ़िल्मों के निर्माण से जुड़े राहुल श्रीवास्तव हिंदी के कथाकार भी हैं....

मणिपुर: एक प्रेम कथा: रीतामणि वैश्य

मणिपुर: एक प्रेम कथा: रीतामणि वैश्य

मणिपुर में मैतै और कुकी समुदाय के बीच अभी जो जातीय हिंसा हुई है, उसमें रिश्ते भी लहूलुहान हुए हैं. जो प्रत्यक्ष है उसकी ख़बर बनती है पर जो दिल...

दाई माँ:  ज्ञान चन्द बागड़ी

दाई माँ: ज्ञान चन्द बागड़ी

एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के सुगम होने से पूर्व प्रसव सहायिका (दाई) की कुशलता और ज्ञान के महत्व को समझते हुए भी उन्हें स्वीकार्यता नहीं मिली न सम्मान ही, जबकि दीगर...

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