एक प्रेमकथा में रेणु : कविता
कहानियों में प्रयोग का सिलसिला रहा है. कई लेखकों ने मिलकर एक कहानी लिखी तो किसी अधूरी कहानी को दूसरे लेखक ने पूरा किया. प्रसिद्ध कहानियों को नए लेखकों द्वारा...
कहानियों में प्रयोग का सिलसिला रहा है. कई लेखकों ने मिलकर एक कहानी लिखी तो किसी अधूरी कहानी को दूसरे लेखक ने पूरा किया. प्रसिद्ध कहानियों को नए लेखकों द्वारा...
कुछ कहानियाँ सीधे दिल में उतरती हैं और कसक छोड़ जाती हैं. दूर तक पात्र पीछा करते रहते हैं. प्रसिद्ध ओडिया कथाकार तरुण कांति मिश्र की ‘काग़ज़ के फूल’ ऐसी...
प्रचण्ड प्रवीर हिंदी कथा परम्परा में अलग ही तरह के कथाकार हैं. उन्होंने राशियों को आधार बनाकर कहानियाँ लिखीं हैं. उपनिषदों को आधार बनाकर कहानियाँ लिख रहें हैं. यह कहानी...
मिजोरम की पृष्ठभूमि पर आधारित इस कहानी में विवाह के समय मिजो वर द्वारा अलग घर बनाने की परम्परा का सुंदर वर्णन है. लेखिका के अनुसार मिजो पृष्ठभूमि पर हिंदी...
दीपांकर शिवमूर्ति की कुछ कहानियाँ हिंदी और अंग्रेजी में छपी हैं. वह फिल्मों के लिए पटकथा भी लिखते हैं. उनकी कहानी ‘फॉलो बैक’ प्रस्तुत है.
युवा कथाकार किंशुक गुप्ता की कहानी, ‘अच्छा आदमी था’ जब ‘समालोचन’ पर प्रकाशित हुई तो उसने बहुत से लेखकों का ध्यान भी खींचा. कथाकार, पत्रकार, और एक्टिविस्ट अंजली देशपांडे ने...
किंशुक गुप्ता के कहानी-संग्रह- ‘ये दिल है कि चोर दरवाज़ा’ के विषय में लेखिका बलवन्त कौर का मानना है कि ‘ये कहानियाँ नई लैंगिक अस्मिताओं की कहानियाँ हैं. जो मनःस्थिति...
उज़्मा कलाम की अभी कुछ ही कहानियाँ प्रकाशित हुईं हैं पर जिस तरह से भाषा और शिल्प पर उनकी पकड़ दिखती है क़ाबिले-तारीफ़ है. यह कहानी एक पल के लिए...
'साहेब, बीवी और गैंस्टर' जैसी फ़िल्मों का सम्पादन, लघु फ़िल्म 'इतवार' का लेखन एवं निर्देशन तथा अनेक विज्ञापन फ़िल्मों के निर्माण से जुड़े राहुल श्रीवास्तव हिंदी के कथाकार भी हैं....
मणिपुर में मैतै और कुकी समुदाय के बीच अभी जो जातीय हिंसा हुई है, उसमें रिश्ते भी लहूलुहान हुए हैं. जो प्रत्यक्ष है उसकी ख़बर बनती है पर जो दिल...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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