बातचीत

कोई चीज़ लाओ जिसको कोई न जानता हो : महेश वर्मा से मोनिका कुमार का संवाद

कोई चीज़ लाओ जिसको कोई न जानता हो : महेश वर्मा से मोनिका कुमार का संवाद

महेश वर्मा और मोनिका कुमार दोनों समकालीन महत्वपूर्ण कवि हैं. महेश वर्मा की कविताओं पर मोनिका कुमार ने यह जो संवाद संभव किया है वह इसलिए भी रेखांकित करने योग्य...

रामकुमार के साथ पीयूष दईया का संवाद

रामकुमार के साथ पीयूष दईया का संवाद

नामचीन चित्रकार रामकुमार से कलाकर्मी पीयूष दईया का यह संवाद अद्भुत है. इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर भर जान लेने की हड़बड़ी नहीं है, बल्कि साथ-साथ कला के मर्म और...

विनोद कुमार शुक्ल से पीयूष दईया का संवाद

विनोद कुमार शुक्ल से पीयूष दईया का संवाद

वैसे तो उपन्यासों पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं, पर विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर फ़िल्म मणि कौल बनाये तो यह खास  बात है,  साहित्य और...

मैं कहता आँखिन देखी: अनामिका

मैं कहता आँखिन देखी: अनामिका

कवयित्री, कथाकार और स्त्री-विमर्शकार अनामिका से अपर्णा मनोज ने उनके लेखन-कर्म, रचना-प्रक्रिया और सरोकारों पर यह संवाद पूरा किया है. अनामिका के पास सृजन और समझ का  विस्तृत फलक है....

तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी की बातचीत

तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी की बातचीत

कथाकार तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी ने यह दिलचस्प बातचीत की है. बातचीत का दायरा बड़ा है. डायस्पोरा साहित्य से लेकर भारत की वर्तमान स्थिति तक. कई बहसतलब बातें...

रोहिणी हट्टंगड़ी से सुशील कृष्ण गोरे की बातचीत

रोहिणी फ़िल्म और टेलिविज़न के साथ की थियेटर की भी प्रबुद्ध कलाकार हैं. अर्थ, सारांश और गाँधी जैसी फिल्मों में उनका अविस्मरणीय अभिनय है. सुशील कृष्ण गोरे ने विस्तृत फलक...

मैनेजर पाण्डेय से अरुण देव की बातचीत

मैनेजर पाण्डेय से अरुण देव की बातचीत

नामवर सिंह, मैनेजर पाण्डेय को ‘आलोचकों का आलोचक’ कहते हैं. पर इसके साथ ही मैनेजर पाण्डेय के यहाँ समकालीन रचनाशीलता की गहरी परख भी है. उनकी आलोचना सभ्यतापरक है, वह...

सुमन केशरी से अपर्णा मनोज की बातचीत

कवयित्री सुमन केशरी अपनी मानवीय दृष्टि और सहज अभिव्यक्ति के कारण अलग से पहचान ली जाती हैं. उनका लेखन परम्परा को आत्मसात करता हुआ समकालीन दृश्य को आलोकित और समृद्ध...

नन्दकिशोर आचार्य से कालु लाल कुलमी की बातचीत

नन्दकिशोर आचार्य से कालु लाल कुलमी की बातचीत

वरिष्ठ लेखक, अनुवादक, विचारक नन्दकिशोर आचार्य के कविता संग्रह 'छीलते हुए अपने को' के लिए २०१९ के साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा हुई है. समालोचन की तरफ से बहुत-बहुत बधाई....

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