अशोक वाजपेयी से अरुण देव की बातचीत
लेखन, प्रकाशन, संपादन, संस्था-निर्माण और बहुविध आयोजनों की परिकल्पना और संचालन में अशोक वाजपेयी पिछले छह दशकों से सक्रिय हैं. साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनका योगदान अप्रतिम,...
लेखन, प्रकाशन, संपादन, संस्था-निर्माण और बहुविध आयोजनों की परिकल्पना और संचालन में अशोक वाजपेयी पिछले छह दशकों से सक्रिय हैं. साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनका योगदान अप्रतिम,...
उम्र के पैंसठवें पायदान पर धीरेन्द्र अस्थाना से राकेश श्रीमाल ने उनके जीवन और उसकी बुनावट पर तसल्ली और गहराई से बात की है. यह भी किसी कथा से कम...
रणेन्द्र द्वारा आदिवासी पृष्ठभूमि पर लिखे उपन्यासों- ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ और ‘गायब होता देश’ ने वन और उसके वासियों की संस्कृति, संकट और संघर्ष को सबलता से प्रस्तुत करने...
हिंदी के महत्वपूर्ण कवियों में से एक कुंवर नारायण का आज जन्म दिन है, कुंवर जी आज सशरीर होते तो ९३ वर्ष के होते. रेखा सेठी ने उनसे कुमारजीव को...
हिंदी के वरिष्ठ और विशिष्ट कवि नरेश सक्सेना से युवा आलोचक-कवि संतोष अर्श की यह दीर्घ बातचीत अब यहाँ सम्पूर्ण होती है. तीन क़िस्तों में प्रकाशित इस संवाद में संतोष...
(अर्पण कुमार और मनोहर श्याम जोशी )यह इंटरव्यू मैंने साकेत, नई दिल्ली स्थित मनोहर श्याम जोशी के घर जाकर लिया था. १९९९ अपनी समाप्ति पर था और उत्तरी दिल्ली से...
वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना से युवा आलोचक संतोष अर्श की बातचीत का यह दूसरा हिस्सा प्रस्तुत है जो फिल्मों और प्रेम पर एक तरह से केन्द्रित हो गयी है, हालाँकि...
हिंदी के वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना अपनी कविताओं के साथ-साथ कविता पर रोचक, अर्थगर्भित बातचीत के लिए भी जाने जाते हैं. उनसे यह संवाद संतोष अर्श ने पूरा किया है...
हिंदी कथा संसार में एक बहुमूल्य त्रिगुट है- निर्मल वर्मा, कृष्णा सोबती और कृष्ण बलदेव वैद. ये तीनों हस्तियाँ आपस में मित्र भी रहीं हैं. कृष्ण बलदेव वैद का लेखन...
विष्णु खरे से व्योमेश शुक्ल की यह बातचीत मुक्तिबोध पश्चात हिंदी के दो महत्वपूर्ण कवियों रघुवीर सहाय और श्रीकांत वर्मा पर केन्द्रित है. कविता की जैसी प्रकृति है वह कुछ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum