बातचीत

संवाद: विमल कुमार

विमल कुमार से अरुण देव की बातचीत.  कवि - रचनाकार विमल कुमार के  जीवन के 50 वर्ष, हिंदी की सृजनात्मकता के भी वर्ष हैं. विमल कुमार बड़े अपनापन  से अपने साथिओं और...

मैं कहता आँखिन देखी : रंजना अरगड़े

शमशेर बहादुर सिंह (१९११-१९९३) की जन्म शताब्दी वर्ष पर समालोचन की विशेष प्रस्तुति\"एक कवच मैं और ओढ़ना चाहता हूँएक अदृश्य कवच - निरहंकार,तटस्थतमनिर्मलता का\".                                                       डायरी-६/मार्च/१९६३ कई बार ऐसा लगता है कि...

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