अनुवाद

काफ़्का: उपवासी कलाकार: अनुवाद: आशुतोष भारद्वाज

काफ़्का: उपवासी कलाकार: अनुवाद: आशुतोष भारद्वाज

आशुतोष भारद्वाज इन दिनों प्राग के काफ़्का हाउस में राइटर-इन-रेजिडेंस हैं. काफ़्का को बेहतर ढंग से समझने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है? और इसका परिणाम है...

इस्तवान तुर्ज़ी: हिंदी अनुवाद: संगीता गुप्ता

इस्तवान तुर्ज़ी: हिंदी अनुवाद: संगीता गुप्ता

प्रसिद्ध हंगेरियन कवि-लेखक इस्तवान तुर्ज़ी के पच्चीस कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. हिंदी में पहली बार उनकी कविताएँ अनूदित हो रहीं हैं. अनुवाद चित्रकार और लेखिका संगीता गुप्ता ने...

ग्रंथालयों की दुनिया: वीणा गवाणकर: अनुवाद: उषा वैरागकर आठले

ग्रंथालयों की दुनिया: वीणा गवाणकर: अनुवाद: उषा वैरागकर आठले

हिंदी में पुस्तकों के महत्व पर लेख मिलते हैं पुस्तकालयों की भूमिका पर लगभग नहीं. हिंदी क्षेत्र में पुस्तकालयों को खोलने के जनांदोलन का अभाव भी इसका बड़ा कारण है...

हसन रूबायत की कुछ कविताएँ

हसन रूबायत की कुछ कविताएँ

हसन रूबायत बांग्लादेश के समकालीन चर्चित युवा कवि हैं. उनके आठ कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. कवि-अनुवादक अजीत दाश भी बांग्लादेश से हैं. पड़ोसी देश के साहित्यकार भी समालोचन...

जूलियो कोर्टाज़ार: रात का सामना: अनुवाद: श्रीविलास सिंह

जूलियो कोर्टाज़ार: रात का सामना: अनुवाद: श्रीविलास सिंह

अर्जेंटीना के जूलियो कोर्टाज़ार (1914-1984) ‘लैटिन अमेरिकी साहित्य आन्दोलन’ के मुख्य लेखकों में से एक थे और कहानी में नवाचार को लेकर विख्यात भी. उनकी कहानी ‘La Noche Boca Arriba’...

मार्खेज़: मौंतिएल की विधवा: अनुवाद: सुशांत सुप्रिय

मार्खेज़: मौंतिएल की विधवा: अनुवाद: सुशांत सुप्रिय

मार्खेज़ की कहानियों के हिंदी अनुवादों की यह बारहवीं क़िस्त है, अधिकतर अनुवाद सुशांत सुप्रिय ने किए हैं जो ख़ुद कवि-कथाकार हैं, उनका संग्रह ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ भावना प्रकाशन से इसी...

मार्खेज़: मंगलवार दोपहर का आराम: अनुवाद: सुशांत सुप्रिय

मार्खेज़: मंगलवार दोपहर का आराम: अनुवाद: सुशांत सुप्रिय

अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने कहानी के सन्दर्भ में ‘आइसबर्ग तकनीक’ का ज़िक्र करते हुए कहा था कि उसका आठवां हिस्सा ही नुमाया होना चाहिए, कहानी का बड़ा हिस्सा पाठकों को ख़ुद...

एन्नी दवू बर्थलू की बीस कविताएँ: अनुवाद: रुस्तम

एन्नी दवू बर्थलू की बीस कविताएँ: अनुवाद: रुस्तम

2021 में सूर्य प्रकाशन मंदिर, बीकानेर से कवि रुस्तम (जन्म: 30 अक्तूबर, 1955) की ‘चुनी हुई कविताएँ’ (1985-2022) तथा ‘जो है और जैसा है’ संग्रह प्रकाशित हुए, इनकी चर्चा नहीं...

देवनीत की कविताएँ (पंजाबी): रुस्तम सिंह

देवनीत की कविताएँ (पंजाबी): रुस्तम सिंह

पंजाबी कविताओं की अपनी अलग तासीर है, मुहावरा है. बाबा फ़रीद, बुल्लेशाह, वारिस शाह, अमृता प्रीतम आदि से होती हुई यह धारा समकालीन कविताओं के खुलेपन और खरेपन के प्रवाह...

जसविंदर सीरत (पंजाबी): अनुवाद: रुस्तम

जसविंदर सीरत (पंजाबी): अनुवाद: रुस्तम

पंजाबी भाषा की कविताओं के अनुवाद आप समालोचन पर पढ़ते रहें हैं. कवि रुस्तम ने ‘राजविन्दर मीर’, ‘भूपिंदरप्रीत’, ‘अम्बरीश’, ‘बिपनप्रीत’, ‘गुरप्रीत’ आदि की कविताओं के अनुवाद हिंदी में किये हैं....

Page 5 of 20 1 4 5 6 20

फ़ेसबुक पर जुड़ें