अंडलूसिया के बाँके: सेराफिन एस्तेबानेज कल्देरों: अनुवाद: मधु बी. जोशी
लगभग पौने दो सौ साल पहले स्पानी (स्पेनिश भाषा) में लिखे गये सेराफिन एस्तेबानेज कल्देरों के ‘Escenas andaluzas’ के एक अंश का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद वरिष्ठ लेखिका मधु...
लगभग पौने दो सौ साल पहले स्पानी (स्पेनिश भाषा) में लिखे गये सेराफिन एस्तेबानेज कल्देरों के ‘Escenas andaluzas’ के एक अंश का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद वरिष्ठ लेखिका मधु...
शार्ल बोदलेअर (9 अप्रैल,1821 – 31 अगस्त,1867) फ्रेंच कविता में आधुनिकता के प्रवर्तकों में से एक माने जाते हैं, प्रतीकवाद आंदोलन से वह जुड़े हुए थे. उनकी गद्य कविताओं का...
फ़्रैंज़ काफ़्का की १९१५ में प्रकाशित कृति कायांतरण (The Metamorphosis) में उसका नायक ग्रिगोर सम्सा एक सुबह अपने को एक बड़े से कीड़े में बदला हुआ पाता है, इसे काफ़्का...
जेम्स ज्वायस (2 फरवरी,1882 – 13 जनवरी,1941) की कहानियों के शिव किशोर तिवारी द्वारा किये गये अनुवाद आप समालोचन पर पढ़ रहें हैं, अरबी बाज़ार (araby), एवलीन (eveline) के बाद...
जेम्स ज्वायस (2 फरवरी, 1882 – 13 जनवरी, 1941) की कहानी एवलीन का यह अनुवाद शिव किशोर तिवारी ने मूल अंग्रेजी से किया है. इससे पहले जेम्स ज्वायस की अनूदित...
गुन्नार गुन्नारसन की कहानी बाप-बेटा उनकी ही नहीं विश्व साहित्य की कुछ चर्चित कहानियों में से एक है. गुन्नार गुन्नारसन को साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए कई बार नामित...
जेम्स ज्वायस (2 फरवरी, 1882 – 13 जनवरी, 1941) बीसवीं शताब्दी के कुछ महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं. उनकी कहानी ‘Araby’ का प्रकाशन 1914 में हुआ था. यह कुछ-कुछ...
भारतीय अंग्रेजी लेखकों में तिशानी दोषी उभरती हुयी शख़्सियत हैं, ‘गर्ल्स आर कमिंग आउट ऑफ द वुड्स’ उनका नवीनतम कविता संग्रह है. उनके दो उपन्यास भी प्रकाशित हो चुके हैं....
ला:सलो क्रॉस्नॉहोरकै (Laszlo Krasznahorkai) को 2025 में साहित्य का नॉबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature) से सम्मानित किया गया. उनकी एक कहानी Something Is Burning Outside का हिंदी अनुवाद समालोचन...
अल्बेयर कामू (7 नवम्बर,1913 - 4 जनवरी,1960) की कहानी ‘The Silent Men’ (French: Les muets) उनके कहानी-संग्रह- ‘Exile and the Kingdom’ (French: L'exil et le royaume) जिसका प्रकाशन 1957 में...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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