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बनावटी या कृत्रिम को हमेशा से दोयम दर्जे की जगह दी जाती रही है. मनुष्य इतिहास में पहली बार ऐसा...
Read moreतुर्क कौन थे? वे बौद्ध से मुस्लिम क्यों हुए? तुर्कों के इस्लाम स्वीकार करने और व्यापार का रेशम मार्ग बाधित...
Read moreबुद्ध जिसे भारत के लोग भूल गये थे. औपनिवेशिक भारत में शोध और खोद से निकलकर देखते-देखते आधुनिक भारत की...
Read moreप्रबुद्ध राजनीतिज्ञ राष्ट्र के लिए वरदान होते हैं. आज़ाद भारत में सामाजिक-राजनीतिक चुनौतियों के साथ-साथ सांस्कृतिक चुनौतियाँ भी कम न...
Read moreतार्किक चेतना से हासिल की गयी विज्ञान की उपलब्धियों को उनके यहाँ पहले से होने जैसे किसी कथन से छोटा...
Read moreऔपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति के सवाल से भारत अपनी आज़ादी के संघर्ष से ही जूझता रहा है. इसका एक सिरा...
Read moreऔपनिवेशिक भारत में स्तूपों की खुदाई, शिलालेखों और पांडुलिपियों के अध्ययन ने बुद्ध और उनके धर्म को भारत में पुनर्जीवित...
Read moreविश्व की आधुनिक अकादमिक दुनिया में कुछ ही भारतीय हैं जिन्होंने अपनी स्थापनाओं से मूलभूत परिवर्तन उपस्थित किया जिसे हम...
Read moreभारत जैसे देश में विडम्बनाओं का अंत नहीं, जिस संस्कृति ने प्रेम और दाम्पत्य का अद्भुत ग्रन्थ ‘कामसूत्र’ दिया हो,...
Read moreगणितज्ञ रामानुजन की स्मृति में 22 दिसम्बर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. सुमीता ओझा साहित्य के...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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