नगालैंड भी यही देस है महाराज: यादवेन्द्र
किसी समाज को महसूस करने का एक तरीका उसके साहित्य को पढ़ना है. बाहरी हलचलों का पता तो दूसरे माध्यम ...
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किसी समाज को महसूस करने का एक तरीका उसके साहित्य को पढ़ना है. बाहरी हलचलों का पता तो दूसरे माध्यम ...
औपनिवेशिक भारत में मजदूरों को भारत से दूर देशों में खटने के लिए ले जाया जाता था जहाँ वे अकथ ...
“अगर तुम अतीत पर पिस्तौल से गोली चलाओगे, तो भविष्य तुम पर तोप से गोले बरसायेगा.’ (अबूतालिब,- रसूल हमज़ातोव, मेरा ...
प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी उम्मीदों का पहाड़ ढोते हुए हिस्सा लेते हैं, यह भार दर्शकों को दिखता नहीं है, यह उनके ...
जापना के हिरोशिमा पर जब अमेरिका ने परमाणु बम्ब गिराए तब जो लोग बचे रह गये वह आजीवन कई तरह ...
अब्बास कैरोस्तमी को ईरान का आधुनिक सूफी कहा गया जिसके रंग उनकी फिल्मों में बिखरें हैं, पाबंदियों के बीच आज़ाद. ...
स्वाधीन भारत के इस कोरोना काल में मजदूरों की जो दुर्दशा हो रही है, वह अमानवीय तो है ही औपनिवेशिक ...
पेशे से वैज्ञानिक और हिंदी के लेखक-अनुवादक यादवेन्द्र ने महत्वपूर्ण लैटिन अमेरिकी लेखक इसाबेल एलेंदे की चर्चित कृति \"पाउला\" के कुछ हिस्सों ...
1992 में प्रकाशित रॉबर्ट जेम्स वालर का उपन्यास "द ब्रिजेज ऑफ़ मेडीसन काउन्टी" बीसवीं शताब्दी के सर्वाधिक बिकने वाले उपन्यासों ...
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