विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर लेखकों की प्रतिक्रियाएँ : मनोज मोहन
हिंदी साहित्य-संसार में अधिकतर पुरस्कार संदिग्ध और विवादास्पद हो जाते हैं. इन्हें लेखक के विचलन के रूप में भी देखा ...
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हिंदी साहित्य-संसार में अधिकतर पुरस्कार संदिग्ध और विवादास्पद हो जाते हैं. इन्हें लेखक के विचलन के रूप में भी देखा ...
शायद ही कोई ऐसी भाषा हो जिसमें लेखकों को सम्मानित न किया जाता हो. पारदर्शी तरीके से उपयुक्त व्यक्ति का ...
हिंदी के अग्रगण्य साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष २०२४ के लिए प्रतिष्ठित 59 वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा ...
विनोद कुमार शुक्ल से बातचीत करिए तो लगता है जैसे उनके किसी कथानायक से बात हो रही है. वैसी ही ...
पचास हज़ार डॉलर के अन्तर्राष्ट्रीय पेन/नाबाकोव पुरस्कार के कारण विश्व स्तर पर विनोद कुमार शुक्ल चर्चा के विषय बने हुए ...
2023 के ‘PEN-Nabokov Award for Achievement in International Literature’ से विनोद कुमार शुक्ल के सम्मानित होने की सूचना से साहित्य ...
हिंदी में लेखक और प्रकाशक के बीच जिस वस्तु की सबसे अधिक उपेक्षा होती है वह है लेखक की बिकी ...
कवि, उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को इस वर्ष साहित्य अकादमी की ‘महत्तर सदस्यता’ प्रदान की गयी है, यह अकादमी का ...
भाष्य के अंतर्गत समालोचन महत्वपूर्ण रचनाओं का पुनर्पाठ प्रस्तुत करता है, जिसमें आपने अब तक- निराला, मुक्तिबोध, शमशेर बहादुर सिंह, ...
फोटो साभार; शाश्वत गोयल विनोद कुमार शुक्ल जितने बड़े उपन्यासकार हैं उतने ही बड़े कवि भी. विष्णु खरे ठीक ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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