प्रभात: स्मृति, मरण और लोक का कवि: सन्तोष अर्श
'क्योंकि मेरी समस्त यादें /सताई हुई नहीं हैं.' __ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने प्रभात के पहले संग्रह ‘अपनों में ...
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'क्योंकि मेरी समस्त यादें /सताई हुई नहीं हैं.' __ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने प्रभात के पहले संग्रह ‘अपनों में ...
‘चाय पर शत्रु-सैनिक’ कविता के लिए विहाग वैभव को 2018 का भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिल चुका है. चयनकर्ता थे वरिष्ठ ...
युवा आलोचक संतोष अर्श समकालीन हिंदी कविता पर तैयारी के साथ लगातार लिख रहें हैं. महत्वपूर्ण कवि मंगलेश डबराल पर ...
सन्तोष अर्श समकालीन हिंदी कविता पर गम्भीरता से लिखते हैं, युवा कवियों के क्रम में सपना भट्ट की कविताओं पर ...
कवि विनोद दास (10 अक्तूबर, 1955, बाराबंकी) साहित्यिक पत्रिका ‘अंतर्दृष्टि’ का लम्बे समय तक संपादन-प्रकाशन करते रहें हैं. विपुल अनुवाद ...
अनुराधा सिंह की निर्वासित तिब्बती कविताओं पर आधारित पुस्तक ‘ल्हासा का लहू’ वाणी प्रकाशन ने रज़ा फ़ाउण्डेशन के सहयोग से ...
लखनऊ की संस्कृति में रचे बसे और उसकी बुनावट के गहरे जानकार योगेश प्रवीन पर लिखते हुए संतोष अर्श ने ...
युवा आलोचक संतोष अर्श इधर समकालीन हिंदी कविताओं पर लिख रहें हैं. कुछ समय पहले कवयित्री मोनिका की कविताओं पर ...
युवा आलोचक संतोष अर्श का मोनिका कुमार के कवि कर्म पर यह आलेख गहराई से न केवल मोनिका की कविताओं ...
वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना से युवा आलोचक संतोष अर्श की बातचीत का यह दूसरा हिस्सा प्रस्तुत है जो फिल्मों और ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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