बीसवीं सदी : जैसी, मैंने देखी : नामवर सिंह
बीसवीं सदी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हाब्सबाम ‘अतियों का युग’ कहते हैं. एक भारतीय के लिए बीसवीं सदी के क्या ...
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बीसवीं सदी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हाब्सबाम ‘अतियों का युग’ कहते हैं. एक भारतीय के लिए बीसवीं सदी के क्या ...
नामवर सिंह जीते जी विवादों के केंद्र में रहे, ये विवाद अधिकतर वैचारिक होते थे और उनके लिखे-बोले पर आधारित ...
२०२० में अंकित नरवाल (जन्म: ६ अगस्त १९९०) को ‘यू आर अनन्तमूर्ति: प्रतिरोध का विकल्प’ पुस्तक के लिए साहित्य अकादेमी का ...
नलिन विलोचन शर्मा, राजकमल चौधरी, गोरख पाण्डेय पर शिवमंगल सिद्धांतकार के संस्मरण आप पढ़ चुके हैं. यह श्रृंखला कथाकार ज्ञानचंद ...
नामवर सिंह अप्रतिम वक्ता थे, रुचिकर और बौद्धिक चुनौती से भरपूर. शायद पहली बार आलोचना को सुनना इतना प्रीतिकर बना. ...
भारतीय भाषाओँ में हिंदी आलोचना प्रभावशाली और विद्वतापूर्ण नामवर सिंह की वजह से है. आलोचना को अपने समय के साहित्य-सिद्धांत, ...
प्रथम प्रधानमन्त्री और आधुनिक भारत के निर्माता जवाहरलाल नेहरु लेखक भी थे. ‘The Discovery of India’, ‘Glimpses of World History’, ...
पार्श्व में हजारीप्रसाद द्विवेदी : समालोचननामवर सिंह की आलोचना–पुस्तक ‘कहानी नयी कहानी’, हिंदी कहानी को समझने के लिए आधार-ग्रन्थ की ...
व्याख्यान सुनने (यहाँ पढने) का फायदा यह है कि आप एक बैठकी में ही व्याख्याता के वर्षों के अध्ययन, शोध ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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