मनोचिकित्सक: वैभव सिंह
अक्सर अकादमिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर हिंदी कथा साहित्य के मनोविश्लेषण की कोशिशें होती रहती हैं, ये कोशिशें भी ...
अक्सर अकादमिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर हिंदी कथा साहित्य के मनोविश्लेषण की कोशिशें होती रहती हैं, ये कोशिशें भी ...
प्रभात रंजन मूलतः कथाकार हैं. उनकी पहचान उनकी कहानियों से बनी फिर वह अनुवाद और संपादन की ओर मुड़ गये. ...
अनंत में 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती पृथ्वी पर मनुष्य अपने अस्तित्व को लेकर इतना आश्वस्त है ...
फ़रीद ख़ाँ को हिंदी कवि के रूप में हम सब जानते ही हैं, कथाकार फ़रीद ख़ाँ इस कहानी से अब ...
ज्ञान चंद बागड़ी के उपन्यास ‘आख़िरी गाँव’ ने ध्यान खींचा है, इधर उनकी कहानियां भी सामने आ रहीं हैं जो ...
किंशुक गुप्ता अंग्रेजी और हिंदी में लिखते हैं, उनकी कहानी ‘ओपन मैरिज’ शहरी मध्य वर्ग के बीच विवाह की बदलती ...
वरिष्ठ कथाकार हरि भटनागर की यह कहानी व्यंजना में भी जाती है. आस-पास की दैनिक गतिविधियों में ऐसा बहुत कुछ ...
जिस शहर में मैं रहता हूँ वहां एक मोहल्ला है मकबरा, पहली बार जब किसी ने कहा कि वह मकबरे ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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