रंगकर्म का संकट और आधुनिक रंगमंच: ज्योतिष जोशी
राकेश श्रीमाल के संयोजकत्व में कोलकाता की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था ‘नीलांबर’ की ‘उषा गांगुली स्मृति व्याख्यान माला’ के अंतर्गत ज्योतिष ...
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राकेश श्रीमाल के संयोजकत्व में कोलकाता की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था ‘नीलांबर’ की ‘उषा गांगुली स्मृति व्याख्यान माला’ के अंतर्गत ज्योतिष ...
रतन थियाम रंगमंच की दुनिया के विश्वविख्यात रंगकर्मी हैं. मणिपुरी रंगमंच के और भी निर्देशक हैं जो खूब सक्रिय हैं ...
भरतमुनि का ‘नाट्यशास्त्र’ अपनी विषयगत व्यापकता और समग्रता के कारण आज भी नाटककारों के लिए प्रेरणा और चुनौती का विषय ...
साहित्य ही नहीं कला माध्यमों में भी विश्व स्तर पर बदलाव हो रहें हैं. विश्व-साहित्य से हिंदी-समाज कुछ परिचित है ...
आश्रम प्राचीन भारतीय अवधारणा है, महात्मा गाँधी ने इसकी सक्रियता का विस्तार करते हुए इसे राजनीति से भी जोड़ा. कलाकारों ...
आज विश्व रंगमंच दिवस है (२७ मार्च). खड़ी बोली हिंदी साहित्य की शुरुआत में नाटकों की बड़ी भूमिका थी, इसके ...
कला और साहित्य का असर राजनीति की तरह तत्काल नहीं दिखता पर होता गहरा है. सहृदय, विवेकवान और उदार मनुष्यता ...
नाटककार और वरिष्ठ रंगकर्मी रतन थियाम (जन्म: 20 जनवरी 1948, मणिपुर) से रंगमंच और कलाओं में सौन्दर्यबोध की अवधारणा को ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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