प्रिया वर्मा की कविताएँ
हिंदी कविता में युवा स्त्री स्वर यौनिकता को लेकर सचेत है और मुखर भी. देखना यह होता है कि कविता ...
हिंदी कविता में युवा स्त्री स्वर यौनिकता को लेकर सचेत है और मुखर भी. देखना यह होता है कि कविता ...
आश्रम प्राचीन भारतीय अवधारणा है, महात्मा गाँधी ने इसकी सक्रियता का विस्तार करते हुए इसे राजनीति से भी जोड़ा. कलाकारों ...
कुछ लेखक अधूरे प्रेम की तरह होते हैं, लौट-लौट कर आते हैं. आकर्षण की तीव्रता मंद नहीं पड़ती. ऐसे ही ...
साहित्य एवं कला की पत्रिका ‘क’ के संपादक विजय शंकर को दुनिया जानती है. क्या कवि विजय शंकर से हम ...
बीसवीं शताब्दी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हॉब्सबॉम ने अतियों का युग (The Age of Extremes) कहा है. 21वीं शताब्दी में ...
प्रभात रंजन मूलतः कथाकार हैं. उनकी पहचान उनकी कहानियों से बनी फिर वह अनुवाद और संपादन की ओर मुड़ गये. ...
कविताओं के कथ्य और शिल्प में जब बदलाव सामूहिकता में लक्षित हों तब उसे नये नाम से पुकारने की जरूरत ...
अनंत में 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती पृथ्वी पर मनुष्य अपने अस्तित्व को लेकर इतना आश्वस्त है ...
पिछले वर्ष संभावना प्रकाशन से विनोद पदरज का चौथा कविता संग्रह- ‘आवाज़ अलग अलग है’ प्रकाशित हुआ था, दुर्योग से ...
‘कोई दम कल आए थे मज्लिस में 'मीर' /बहुत इस ग़ज़ल पर रुलाया हमें.’ विश्व के महानतम फ़िल्म निर्देशकों में ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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