अयोध्या में कालपुरुष! : बोधिसत्व
महानायकों का जीवन ही नहीं अवसान भी काव्य जैसा होता है. वे असाधारण मृत्यु के लिए अभिशप्त हैं. बीसवीं सदी ...
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महानायकों का जीवन ही नहीं अवसान भी काव्य जैसा होता है. वे असाधारण मृत्यु के लिए अभिशप्त हैं. बीसवीं सदी ...
पूर्वा भारद्वाज और निधीश त्यागी के संपादन में ‘कविता का काम आँसू पोंछना नहीं’ शीर्षक से कविताओं का एक संकलन ...
कवि के रूप में पंकज सिंह की चर्चा कम हुई है. उनपर प्रकाशित आलेखों में उनकी उपस्थिति इतनी जीवंत रहती ...
वागीश शुक्ल कृति के साथ-साथ विचार और साहित्य का अंतरतर भी खोल देते हैं. भाषा की बाड़ टूट जाती है. ...
हिंदी कविता की जड़े देखनी हो तो सिद्धों-नाथों की कविताओं को पढ़ना चाहिए. गहरी और फैली हुईं. ख़ासकर गोरखनाथ को. ...
प्रभात प्रणीत के उपन्यास ‘वैशालीनामा: लोकतंत्र की जन्मकथा’ को इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. समीक्षा कर रहें ...
सोन चिरैया लगभग लुप्त होने को है. उसे बचाने की कोशिशें हो रहीं हैं. कथाकार और ‘जंगलकथा’ के सूत्रधार कबीर ...
२१वीं सदी की हिंदी की समलैंगिक कहानियों की गहरी पड़ताल करते हुए लेखिका अंजली देशपांडे ने एलजीबीटीक्यू विमर्श को इस ...
कविता का कार्य सूचित करना नहीं अर्थ देना है. कौशलेन्द्र की कविता-यात्रा में इसे देखा जा सकता है. बताने से ...
2023 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यून फुस्से के उपन्यास ‘Aliss at the Fire’ का हिंदी अनुवाद ‘आग ...
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