गांधी और ब्रह्मचर्य: रुबल से के. मंजरी श्रीवास्तव की बातचीत
महात्मा गांधी का ‘ब्रह्मचर्य प्रयोग’ गांधीवादियों को भी नहीं जचता था, अधिकतर संशय से देखते थे, कुछ ने बाद में ...
Home » 2023
महात्मा गांधी का ‘ब्रह्मचर्य प्रयोग’ गांधीवादियों को भी नहीं जचता था, अधिकतर संशय से देखते थे, कुछ ने बाद में ...
30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की सुनियोजित हत्या कर दी गयी. भारतीय समाज पर पिता की हत्या का यह ...
इज़ाबेल आलबुकर्क की ‘Orgy For Ten People In One Body’, मूर्ति शिल्प की चर्चित अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति है. इस प्रदर्शनी और ...
नम्बर, 2022 में ‘विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज’ की चौदहवीं कड़ी के साथ यह स्वीकारोक्ति भी नत्थी थी- “यह पूर्ण ...
हिमालय का क्षेत्र पहाड़ों के लिए ही नहीं जंगलों के लिए भी जाना जाता है, जंगल और उसके वृक्ष जहाँ ...
राहुल श्रीवास्तव तिग्मांशु धूलिया की कई फिल्मों के संपादक रहे हैं, सैकड़ों की संख्या में विज्ञापन फिल्में (कमर्शियल) बना चुके ...
पंकज मोहन ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा में एमेरिटस फैकल्टी हैं और भारत से सम्बन्धित दुर्लभ सामग्री के शोध ओर संचयन ...
अपने प्रिय साहित्यकारों को उनके जन्म दिन के बहाने याद करने का जतन हम सब करते ही हैं. आज मणिपुरी ...
अमीर ख़ुसरो साहित्य (हिंदी, उर्दू, फ़ारसी) और इतिहास दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनके व्यक्तित्व और महत्व पर माधव हाड़ा ...
कबीर संजय ने कथाकार के रूप में इधर अपनी पहचान बनाई है, उनकी लम्बी कहानी ‘निम्फोमैनियाक: एक बयान’ इसे और ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2022 समालोचन | powered by zwantum