चित्तप्रसाद और उनकी चित्रकला: अखिलेश
प्रारम्भिक भारतीय चित्रकारों में चित्तप्रसाद (1915-1978) ऐसे पहले चित्रकार हैं जिन्होंने पीड़ित जनता को प्रमुखता से चित्रित किया है, उन्हें ...
प्रारम्भिक भारतीय चित्रकारों में चित्तप्रसाद (1915-1978) ऐसे पहले चित्रकार हैं जिन्होंने पीड़ित जनता को प्रमुखता से चित्रित किया है, उन्हें ...
अनीति देख कविता शाप भी देती है, यह शब्दों की ताकत है, यह भाषा की अर्जित शक्ति है. असहमति और ...
उज़्मा कलाम की अभी कुछ ही कहानियाँ प्रकाशित हुईं हैं पर जिस तरह से भाषा और शिल्प पर उनकी पकड़ ...
प्राग में निर्मल वर्मा के मित्रों में मिलान कुंदेरा भी शामिल थे. निर्मल वर्मा ने उनकी कहानियों के मूल से ...
इसी वर्ष प्रकाशित वरिष्ठ कवि-लेखक विजय कुमार की पुस्तक ‘शहर जो खो गया’ पर आधारित लीलाधर मंडलोई का यह गद्य, ...
“उपन्यास का कार्य प्रश्न पूछना है, वह दुनिया को समझदारी और सहिष्णुता के साथ प्रश्न के रूप में देखने की ...
प्राकृत शब्द 'पडिक्कमा' का अर्थ है 'प्रतिक्रमण' या 'लौटना'. इस संग्रह की कुछ कविताएँ परिजनों की मृत्यु की परिक्रमा करती ...
कवि, कथाकार और नाटककार जयशंकर प्रसाद (1890-1937) आधुनिक हिंदी साहित्य के कालजयी लेखक हैं, वह गहरे चिंतक भी हैं, इसकी ...
वरिष्ठ कवि विनोद पदरज का पांचवाँ कविता संग्रह ‘यत्क्रोंचमिथुनादेकम्’ 2023 में प्रकाशित हुआ है और उनके दूसरे कविता संग्रह ‘अगन ...
मध्यकालीन साहित्य और उसके इतिहास पर आधारित आलोचक माधव हाड़ा की इधर कई पुस्तकें और महत्वपूर्ण आलेख प्रकाशित हुए हैं. ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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