लिखने के कारण और उसके दौरान : कुमार अम्बुज
लेखन के कारण और उसकी प्रक्रिया को लेकर लेखकों से अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं. काव्य-शास्त्र से लेकर आधुनिक आलोचना ...
लेखन के कारण और उसकी प्रक्रिया को लेकर लेखकों से अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं. काव्य-शास्त्र से लेकर आधुनिक आलोचना ...
मूलत: पादरी रहे अर्नेस्तो कार्देनाल ने ‘जीरो आवर’ कविता को 1950 के दशक में लिखना शुरू किया और यह मूल ...
वरिष्ठ कथाकार रत्नकुमार सांभरिया (1956) के सपेरों के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘साँप’ को वर्ष 23-24 का राजस्थान साहित्य अकादमी ...
आलोचना के मुख्यतः दो कार्य हैं- सिद्धांत निर्माण और उनका अनुप्रयोग. मैनेजर पाण्डेय की आलोचना का पूर्वार्ध साहित्य के सिद्धांतों ...
सदानंद शाही की सक्रियता की परिधि विस्तृत है. हिंदी ऐसे ही बढ़ती पसरती रही है. इसकी परम्परा ही घर फूँक ...
अप्रतिम कवि, लेखक, अनुवादक विष्णु खरे का आज स्मृति दिवस है. विष्णु खरे का जीवन बीहड़ और अप्रत्याशित रहा है. ...
हिंदी में कलाकार-लेखक कम हैं. सीरज सक्सेना चित्रकार, सिरेमिक और ग्राफिक कलाकार हैं. ‘आकाश एक ताल है’, ‘सिमट सिमट जल’ ...
कविताओं के अनुवाद का कार्य मशक़्क़त का है. तब और जब कवि विदेशी भाषाओं के हों, अंग्रेजी से अलग किसी ...
सामाजिक तानेबाने, प्रेरणा, भावनाएँ एवं कार्य-व्यापार की ज़मीन से उपन्यासकार कहने को काल्पनिक पर जटिल यथार्थ निर्मित करता है, जो ...
‘बिल्लियाँ होती हैं अच्छी हर कहीं /ये तमाशा सा है बिल्ली तो नहीं’ (मीर). फ़ारसी, तुर्की, अरबी आदि भाषाओं में ...
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