नेहल शाह, फ़िजिओथेरेपिस्ट हैं, भोपाल में रहती हैं. कविताएँ लिखतीं हैं और कला के क्षेत्र में रुचि रखती हैं. उनकी...
हिंदी में असंगतता (Absurd) के साहित्य के प्रस्तोता भुवनेश्वर की अपनी ख़ुद की कहानी कम त्रासद नहीं है. विराट प्रतिभाएं...
समझ में नहीं आता कि माध्यम को दोष दिया जाए कि जिनके हाथों में वह है उन्हें. टीवी की शुरुआत...
अनुराधा सिंह की निर्वासित तिब्बती कविताओं पर आधारित पुस्तक ‘ल्हासा का लहू’ वाणी प्रकाशन ने रज़ा फ़ाउण्डेशन के सहयोग से...
असम राज्य के सुदूर कार्बी आंगलोंग जिले से हिंदी में कविता लिखने वाले चन्द्र मोहन का परिचय बस इतना ही...
पिछले साल फणीश्वरनाथ रेणु (4 मार्च 1921- 11 अप्रैल 1977) के जन्म शताब्दी समारोह में उनपर कई पत्रिकाओं ने अपने...
हारुकी मुराकामी की कहानी ‘Barn Burning’ मूल रूप से जापानी भाषा में 1983 में लिखी गयी थी, फिलिप गैब्रिएल का...
भक्ति आंदोलन भारतीय भाषाओं का समवेत और संयुक्त आंदोलन था जो अपने स्वरूप में मानवीय और क्रांतिकारी था. यह ईश्वर...
पारुल पुखराज का एक कविता संग्रह प्रकाशित है, उनकी कविताएँ मंतव्य में मुखर नहीं रहतीं अपने दृश्य में खुलती हैं....
औपनिवेशिक भारत में केवल इतिहास की ही खोज़ ख़बर नहीं ली जा रही थी, साहित्य की भी भूली बिसरी संपदा...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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