‘स्मृति एक दूसरा समय है’ मंगलेश डबराल का अंतिम कविता संग्रह है, सत्ता (ओं) से लड़ते हुए उनकी कविताएँ यहाँ...
साहित्य का भी तलघर होता है, जहाँ चेहरे नहीं होते, होते भी हैं तो धुंधले और स्मृतियों से कब के...
किसी युवा कवि से जिस रचाव और ताज़गी की आप उम्मीद करते हैं वह सब सुमित त्रिपाठी के पास है,...
“बुरे वक्त की रात में भी/जीता हूँ/सूरज की तरह/सामना करने से/भागकर/डूब नहीं जाता” इस तरह जीने और रचने वाले वरिष्ठ...
गुन्नार गुन्नारसन की कहानी बाप-बेटा उनकी ही नहीं विश्व साहित्य की कुछ चर्चित कहानियों में से एक है. गुन्नार गुन्नारसन...
वरिष्ठ विज्ञान-लेखक देवेंद्र मेवाड़ी साहित्य के भी लेखक हैं, इसे साबित करने के लिए उनकी यह पुस्तक- ‘कथा कहो यायावर’...
श्रीविलास सिंह की कुछ नयी कविताएँ प्रस्तुत हैं. सघन बिम्बों से भरी ये कविताएँ कवि के अंदर की हलचलों और...
भक्तिकाल के कवियों की आभा और लोकप्रियता आज भी कहीं से कम नहीं हुई है, कबीर हों तुलसी हों या...
कृष्णा सोबती का लेखन बहुआयामी है, उनका जीवन आवरण से ढंका हुआ उन्हीं की तरह. उनके सार्वजनिक निर्णय उसे और...
महान पिता के पुत्र के समक्ष कुछ अतिरिक्त चुनौतियाँ रहती हैं, उसे हर समय पिता से मापा जाता है. अमृत...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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